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Haryana News-सत्र के दौरान सीट नहीं छोड़ेंगे अफसर

स्पीकर ने दी नसीहत-रोस्टर के अनुसार अधिकारियों को रहना होगा सदन में मौजूद
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पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के समय भी हुआ था ऐसा घटनाक्रम

विधायकों के बीच चल रही चर्चा के बीच गैलरी से गायब से अधिकांश अधिकारीदिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
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चंडीगढ़, 19 मार्च

हरियाणा विधानसभा में सत्र के दौरान अधिकारियों का गैलरी से ‘गायब’ रहना स्पीकर हरविन्द्र कल्याण को रास नहीं आया। उन्होंने चलते हाउस में ही अधिकारियों को दो-टूक कह दिया कि अब सत्र के दौरान अधिकारी सीट नहीं छोड़ेंगे। साथ ही, उन्हें नसीहत दी गई है कि रोस्टर के अनुसार जिस अधिकारी की सदन में ड्यूटी लगी है, उसे सत्र खत्म होने तक सदन में मौजूद रहना होगा।

दरअसल, बुधवार को जब कई अहम मुद्दों पर सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच चर्चा चल रही थी तो अधिकारियों की गैलरी लगभग खाली थी। इससे नाराज स्पीकर ने यह टिप्पणी की। यहां बता दें कि इससे पहले पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के समय भी ऐसा ही घटनाक्रम सामने आ चुका है। उस समय कई विधायकों ने अधिकारियों की गैर-मौजूदगी का मुद्दा सदन में उठाया था। इस पर उस समय के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सख्त हिदायतें जारी की थी।

हालांकि मुख्यमंत्री की सदन में मौजूदगी के दौरान अधिकारियों की गैलरी में ऑफिसर मौजूद रहते हैं। सीएम के सदन से बाहर जाते ही गैलरी से एक-एक करके अधिकारियों का बाहर जाना शुरू हो जाता है। स्पीकर ने निर्देश दिए कि अधिकारियों को सदन में उपस्थित होना चाहिए। रोस्टर के अनुसार जिस अधिकारी की ड्यूटी होगी, उसकी उपस्थिति सदन में अनिवार्य है।

सदन में चला ठहाकों का दौर

बुधवार को बजट पर चर्चा के दौरान गरमा-गरमी के बीच ठहाकों का दौर भी खूब चला। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और परिवहन मंत्री अनिल विज के बीच जब उम्र को लेकर चुटकियां ली जा रही थीं तो सफीदों विधायक नारनौंद गौतम ‘बीच-बचाव’ के लिए सीट से उठे। उन्हें उठता देख स्पीकर ने सीधे ही कहा – आपका खड़ा होना तो बिल्कुल ठीक नहीं है। उनके इतना कहते ही पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। इससे पूरा मामला भी खत्म हो गया और गौतम भी अपनी सीट पर बैठ गए।

बिमला चौधरी ने मांगी माफी

बजट चर्चा के दौरान पटौदी विधायक बिमला चौधरी की आपत्तिजनक टिप्पणी पर भी स्पीकर नाराज हुए। बेशक, उनकी इस टिप्पणी पर सभी हंसे भी लेकिन बाद में स्पीकर ने इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकलवा दिया। गंदे पानी की निकासी का मुद्दा उठाते हुए बिमला चौधरी ने एक उदाहरण दिया। कहने लगीं - एक व्यक्ति ने बेटी की शादी में बहुत दहेज दिया। शादी के बाद दूल्हा, दुल्हन को लेकर चल दिया। रास्ते में उनकी गाड़ी गारे (कीचड़) में फंस गई। तब लड़के ने कहा कि इसने सब कुछ दिया, लेकिन एक फावड़ा नहीं दिया। इस दौरान बिमला चौधरी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बाद में इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी।

कुंवारों को कच्ची नौकरी दे दो, माथे पर चावल धैरे जांगै

चंडीगढ़ में बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान हल्के-फुल्के क्षणों में रामकुमार गौतम।

सफीदों विधायक रामकुमार गौतम ने कुंवारों के लिए शुरू की गई पेंशन योजना की बजाय सरकार से मांग की कि उन्हें कौशल रोजगार निगम के जरिये कांट्रेक्ट की नौकरी दी जाए। बेशक, 15-16 हजार रुपये महीने की नौकरी ही मिले लेकिन अगर उन्हें नौकरी मिल गई तो उनके भी माथे पर चावल धैरै जांगे। यानी उनका विवाह हो जाएगा। इस पर सभी खूब हंसे। इस दौरान गौतम ने 2006 में हुड्डा सरकार द्वारा लगाए गए पंप ऑपरेटरों को भी पक्का करने की मांग की। गौतम ने होमगार्ड जवानों को 12 माह ड्यूटी पर रखने और गृह जिलों में पोस्टिंग के साथ-साथ बिजली विभाग के तकनीकी कर्मियों को जोखिम भत्ता देने की मांग उठाई।

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