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Haryana News : कैबिनेट मंत्री श्याम सिंह राणा ने दोनों विभागों के साथ की बैठक, पहले चरण में सुधारी जाएंगी एक लाख एकड़ सेमग्रस्त भूमि

झींगा उत्पादन के साथ जल निकासी के लिए बनाई गई प्लानिंग, कृषि और मत्स्य पालन विभाग मिलकर बनाएंगे कार्ययोजना
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चंडीगढ़, 27 मई (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Haryana News : हरियाणा सरकार ने प्रदेश की एक लाख एकड़ सेमग्रस्त भूमि के सुधार का लक्ष्य रखा है। ऐसी भूमि में जहां झींगा मछली के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा, वहीं जल निकासी के जरिए भूमि का सुधार होगा। प्रदेश के कृषि व मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उनहोंने कहा कि दोनों विभाग आपसी समन्वय व सामंजस्य के साथ इस लक्ष्य को हासिल करें।

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बैठक में कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू, मत्स्य पालन विभाग की आयुक्त अमनीत पी़ कुमार, कृषि विभाग के निदेशक राजनारायण कौशिक, मत्स्य पालन विभाग के निदेशक श्रीपाल राठी तथा उप-निदेशक संदीप कुमार बेनीवाल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कृषि मंत्री ने सर्वप्रथम कृषि एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान तथा जलभराव एवं खारे पानी वाले क्षेत्रों को मत्स्य पालन के अंतर्गत लाने संबंधी कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव वाले क्षेत्रों में तालाब निर्माण कर झींगा मछली पालन को प्रोत्साहित किया जाए। इससे जलभराव से होने वाले नुकसान की अपेक्षा उस खारे पानी का मछली पालन में सदुपयोग हो सकेगा। राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक लगभग 240 एकड़ जलभराव से प्रभावित भूमि की पहचान की है। इनमें से 124 एकड़ भूमि पर तालाबों का निर्माण कर उन्हें मत्स्य पालन के अंतर्गत लाया जा चुका है। उन्हें बताया गया कि इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

श्याम सिंह राणा ने भूमि एवं जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियां जैसे भूमि सुधार के लिए वर्टिकल ड्रैनेज, सब सरफेस ड्रैनेज व जिप्सम के माध्यम से सुधार, चैक डैम बनाना, रिचार्ज वैल, गली प्लग, क्रेट वायर संरचना, अर्दरन बंध, सुरक्षा दीवार/डंगा, कौजवे, ड्रॉप संरचना, रूफ टॉप रैन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, कुहल, जल ग्रहण ट्रैंच, पारम्परिक जल स्रोत नवीनीकरण, भूमिगत पाइपलाइन, कपास की खेती को बढ़ावा देने हेतु सुक्ष्म सिंचाईं सहित पक्के तालाब का निर्माण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड सहित पानी की जांच करने के बारे में विस्तार से की।

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