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Haryana News: 15 साल बाद परिवार से मिली सोनीपत में रह रही बिछुड़ी बेटी, नम हुई आंखें

Haryana News: हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने मिलवाया
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चंडीगढ़, 18 जनवरी (ट्रिन्यू)

Haryana News:  हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने एक बार फिर मिसाल कायम करते हुए, 15 वर्षों से गुमशुदा महाराष्ट्र की बेटी को उसके परिवार से मिलवाया। यह 22 वर्षीय युवती बचपन में अपने परिजनों से बिछड़ गई थी। वर्तमान में युवती हरियाणा के सोनीपत स्थित बालग्राम आश्रम में रह रही थी।

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महाराष्ट्र के वर्धा जिले की रहने वाली नेहा, 7 साल की उम्र में अपने परिजनों से बिछड़ गई थी। वर्ष 2010 में वर्धा थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। 2012 में हरियाणा के पानीपत में उसे रेस्क्यू कर सरकारी आश्रम में रखा गया। वहां रहते हुए उसने पढ़ाई जारी रखी और अब बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है।

भावुक अपील से शुरू हुआ मिलन का सफर

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, एएचटीयू के एएसआई राजेश कुमार जब बालग्राम आश्रम गए, तो नेहा ने उनसे भावुक होकर निवेदन किया, "सर, मैं पिछले 13 साल से यहां हूं, प्लीज मेरे माता-पिता को ढूंढ दीजिए।" इस पर एएसआई राजेश ने उसकी बात को गंभीरता से लेते हुए, परिवार की तलाश शुरू की।

काउंसलिंग से मिले अहम सुराग

नेहा की काउंसलिंग के दौरान उसने अपने गांव के बारे में कुछ जानकारी दी, जैसे कि वहां बुजुर्ग एक खास तरह की टोपी पहनते थे और घर के पास दो गलियां थीं। इन सुरागों के आधार पर, पुलिस ने महाराष्ट्र के वर्धा में गुमशुदा व्यक्तियों का रिकॉर्ड खंगाला और नेहा का केस ढूंढ निकाला।

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पुलिस ने नेहा के भाई अनिकेत से संपर्क कर वीडियो कॉल के जरिए पहचान करवाई। परिवार ने अपनी बेटी को पहचाना और सोनीपत आकर उसे अपने साथ लेकर गए।

परिजनों ने जताया आभार

नेहा के परिवार ने हरियाणा पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन पुलिस ने उनके परिवार को फिर से जोड़ दिया। हरियाणा पुलिस ने इस घटना के बाद परिजनों से अपील की है कि वे अपने बच्चों का आधार कार्ड जरूर बनवाएं और उसे समय-समय पर अपडेट करते रहें। यह गुमशुदा बच्चों को पहचानने में मदद करता है।

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