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Haryana News: रतिया पंचायत समिति अध्यक्ष की कुर्सी बची, अविश्वास प्रस्ताव रद्द

Haryana News: इससे पहले भी हो चुकी है बैठक स्थगित
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फतेहाबाद जिले की रतिया पंचायत समिति अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रद्द होने के बाद मीडिया से बात करते हुए विधायक जरनैल सिंह व अध्यक्ष केवल मेहता। हप्र
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मदन लाल गर्ग/हप्र, फतेहाबाद, 10 जनवरी
Haryana News: जिले की भट्टू ब्लॉक समिति की तरह रतिया ब्लॉक समिति अध्यक्ष के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव भी रद्द हो गया है, जिससे कांग्रेस समर्थक पंचायत समिति अध्यक्ष केवल कृष्ण मेहता की  कुर्सी बच गई।
उनके खिलाफ लाए गए अविश्वस प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान होना था, लेकिन बैठक में तय समय में विरोधी गुट के 12सदस्य ही पहुंचे, जबकि रतिया के विधायक जरनैल सिंह के साथ अध्यक्ष केवल मेहता अकेले आए थे। बैठक के लिए जरूरी दो तिहाई सदस्य न पहुंचने पर एडीसी राहुल मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव रद्द होने की घोषणा कर दी।
गौरतलब हैं कि अविश्वास प्रस्ताव पर दो बार बैठक स्थगित किए जाने के बाद रतिया पंचायत समिति अध्यक्ष ने भी हाई कोर्ट की शरण ली थी। जिस पर अविश्वास प्रस्ताव पर 10जनवरी की तिथि निश्चित की गई थी।
प्रशासन इससे पहले भी अविश्वास प्रस्ताव पर  4 दिसंबर व 3 जनवरी को बुलाई बैठक विभिन्न कारणों से स्थगित कर चुका है। शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद केवल मेहता रतिया के कांग्रेसी विधायक जरनैल सिंह के साथ मीटिंग रूम से बाहर निकले और कहा कि उनके खिलाफ जिन लोगों ने साजिश रची थी, उन्हें इस तरह की राजनीति करने से बाज आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है और वह बिना भेदभाव के एक समान कार्य करवाने में विश्वास रखते हैं, आगे भी इसी तरह कार्य जारी रहेंगे। वहीं कांग्रेस विधायक जरनैल सिंह ने भी विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ओछी राजनीति पर उतर आई है।इस तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि  रतिया पंचायत समिति में कुल 22  सदस्य है। अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाने के लिए दो तिहाई यानि  15 सदस्यों का अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाना जरूरी था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया, जिस कारण अविश्वास प्रस्ताव रद्द हो गया।

विधानसभा चुनावों के बाद हुई राजनीति शुरू

विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से ही भट्टू और रतिया ब्लॉक समिति प्रधानों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की राजनीति शुरू हो गई थी। क्योंकि रतिया पंचायत समिति अध्यक्ष केवल मेहता व भट्टू पंचायत समिति चेयरपर्सन ज्योति लूना चुनावों के दौरान कांग्रेस में चले गए थे। जिस पर दोनों जगह भाजपा नेता दोनो अध्यक्षों से दलबदल का बदला लेना चाहते थे। लेकिन दोनो जगह ही बिना पूरी तैयारी के उत्साही भाजपा नेता अविश्वास प्रस्ताव ले आए।
अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों को एकजूट नहीं रख पाए, जबकि भट्टू पंचायत समिति के लिए फतेहाबाद के विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया तथा रतिया पंचायत समिति अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए रतिया विधायक जरनैल सिंह एक्टिव हो गए तथा विरोधियों में घुसपैठ करके उनको सत्तारूढ दल से तोड़ लिया। हालांकि रतिया पंचायत समिति अध्यक्ष के खिलाफ 18 नवंबर को जब एडीसी से सदस्य मिले थे तब  सदस्यों की संख्या 16 थी ।

लगा था अपहरण का आरोप

रतिया पंचायत समिति अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कई नाटकीय घटनाक्रम भी सामने आए थे। जब पंचायत समिति सदस्य नवीन के भाई ने अध्यक्ष के खिलाफ उसके भाई के अपहरण का आरोप लगाते हुए मामला भी दर्ज करवा दिया था। जबकि मामला दर्ज होने के दो घंटों में ही  समिति सदस्य नवीन कुमार ने पुलिस को फोन करके उसके अपहरण के आरोपों को नकारा तथा अगले दिन मीडिया के सामने आकर कहा कि वह काम के सिलसिले में गुरुग्राम गए थे उनका अपहरण नहीं हुआ था।
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