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Haryana Govt News हरियाणा वैश्विक निवेशकों के लिए पहली पसंद : नायब सैनी

इंटीग्रेटेड एविएशन हब हिसार के लिए यूएस-हरियाणा समझौता
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चंडीगढ़, 10 दिसंबर (ट्रिन्यू)

Haryana Govt News  हरियाणा सरकार और अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) के बीच मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत हिसार स्थित महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे को एकीकृत विमानन हब में विकसित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा अब वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक स्थान बन चुका है, और यह साझेदारी राज्य के विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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Haryana Govt News इस एमओयू के तहत हिसार हवाई अड्डे पर कई प्रमुख विकास परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें विमानन संचालन, ओवरहालिंग (एमआरओ) सुविधाएं और विश्व बंदरगाह कार्गो लॉजिस्टिक्स हब शामिल हैं। यह समझौता हरियाणा में रोजगार के नए अवसर और दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “यह समझौता हरियाणा की विमानन नीति और विकास कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। यह एमओयू राज्य के विमानन क्षेत्र को और अधिक सक्षम और प्रतिस्पर्धी बनाएगा, जिससे न केवल राज्य को बल्कि पूरे देश को भी आर्थिक लाभ होगा।”

अमेरिका से होगी मजबूत साझेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूएस के साथ यह साझेदारी नवाचार और सहयोग का एक उदाहरण बनेगी। इस एमओयू के तहत एयरपोर्ट के विकास और संचालन के लिए विभिन्न परियोजनाओं को तैयार किया जाएगा, और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा। अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि यह एमओयू भारत और अमेरिका के बीच नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे नए आयामों के साथ यह साझेदारी दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेगी।

एमओयू की मुख्य विशेषताएं

विकसित हवाई अड्डा : हिसार में विमानन संचालन और ओवरहालिंग सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

नयी तकनीकी सहायता : अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी द्वारा परियोजनाओं के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।

जॉब क्रिएशन : एयरपोर्ट व संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी : निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पीपीपी का मॉडल अपनाया जाएगा।

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