Haryana शिक्षकों के ट्रांसफर ड्राइव को सीएमओ ने दी हरी झंडी, जून में शुरू होगा पहला चरण
चंडीगढ़, 5 जून (ट्रिन्यू)
शैक्षणिक सत्र 2025-26 में शिक्षकों के ट्रांसफर ड्राइव को लेकर बड़ी उम्मीदें जागी हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस वर्ष ट्रांसफर ड्राइव को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद शिक्षा निदेशालय ट्रांसफर ड्राइव की तैयारियों में जुट गया है। हालांकि, इस बार जेबीटी शिक्षकों को ट्रांसफर ड्राइव का इंतजार करना होगा।
सीएमओ ने पीजीटी, ईएसएचएम और आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षकों के ट्रांसफर को मंजूरी दी है। शिक्षा विभाग के आईटी सैल को ट्रांसफर ड्राइव का शेड्यूल तैयार करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जून के दूसरे सप्ताह तक शेड्यूल तैयार हो जाएगा।
सीएमओ ने ट्रांसफर ड्राइव के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इसे रेशनालाइजेशन के आधार पर चलाया जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए विभाग ने 22 जिलों में शिक्षकों के रेशनालाइजेशन के लिए पांच कमेटियां भी बनाई हैं।
लंबे समय से शिक्षकों की मांग पर बनी उम्मीद
शिक्षक संगठनों ने लंबे समय से ट्रांसफर ड्राइव चलाने की मांग की थी। जेबीटी से लेकर पीजीटी तक सभी श्रेणियों के शिक्षकों के लिए ट्रांसफर की जरूरत महसूस की जा रही थी। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक संगठनों के साथ बैठक भी की जा चुकी है। शिक्षा मंत्री ने भी नए सत्र के पहले ट्रांसफर ड्राइव पूरा करने का आश्वासन दिया था। अब सीएमओ की मंजूरी मिलने के बाद उम्मीद है कि जून के दूसरे सप्ताह में ट्रांसफर शेड्यूल जारी होगा।
रेशनालाइजेशन कमेटियों का जिम्मा
- कमेटी नंबर 1: एचसीएस संजीव कुमार व डिप्टी डीईओ अनीता चौधरी – जींद, भिवानी, पलवल, फतेहाबाद
- कमेटी नंबर 2: एचसीएस ममता शर्मा व संयुक्त निदेशक नवीन नारा – हिसार, पानीपत, कैथल, फरीदाबाद
- कमेटी नंबर 3: एचसीएस सुरेंद्र सिंह व संयुक्त निदेशक मन्नी आहूजा – अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, गुरुग्राम, पंचकूला
- कमेटी नंबर 4: एचसीएस हिमांशु चौहान व डिप्टी डीईओ वीना सिंह – रोहतक, सोनीपत, करनाल, सिरसा
- कमेटी नंबर 5: अतिरिक्त निदेशक सुनील बजाज व एडीओ मनोज वर्मा – चरखी-दादरी, रेवाड़ी, झज्जर, महेंद्रगढ़
शिक्षक संगठन की अपील
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के राज्य प्रधान सतपाल सिंधु ने कहा है कि शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द ट्रांसफर ड्राइव शुरू करनी चाहिए ताकि शैक्षणिक सत्र के दौरान ही विद्यार्थियों को शिक्षकों की कमी न हो। उन्होंने कहा कि लगातार ट्रांसफर ड्राइव टालने से शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कई शिक्षकों की ड्यूटी 100 किलोमीटर से भी अधिक दूरस्थ जगहों पर लगती है।