Haryana Bureaucracy: हरियाणा में थानेदार बनकर ‘रौब’ दिखाने वाले अधिकारी नपेंगे
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, 18 अप्रैल, चंडीगढ़
Haryana Bureaucracy: अफसरशाही के रवैये और मनमानी का मुद्दा विधायक हरियाणा विधानसभा में मुद्दा उठा चुके हैं। यही नहीं, मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी अधिकारियों की कार्यशैली बारे अवगत कराया जा चुका है। शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा का फोन न उठाने पर सस्पेंड किए बिजली विभाग के जींद एसई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, शिक्षा मंत्री ढांडा भी अधिकारियों की कार्यशैली से नाखुश नजर आ रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है थानेदार बनकर जनता पर ‘रौब’ दिखाने वाले अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।
ढांडा ने अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी भरे लहजे में नसीहत दी कि मंत्री व विधायकों को फोन नहीं उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा मंत्री का कहना था कि चुनाव से पहले कुछ अधिकारियों का रुख बदल गया था, उन्हें यह लगता था कि कांग्रेस की सरकार आएगी और वे अपनी मनमर्जी करेंगे। भाजपा की तीसरी बार सरकार बनते ही उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया था कि वे किसी भ्रम में न रहें, जनता के काम लटकाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम जींद के चीफ इंजीनियर आपरेशन ने ढांडा फोन नहीं उठाया और न ही उन्हें वापस फोन किया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि उनके पीए और उन्होंने खुद संबंधित अधिकारी को तीन से चार बार फोन किए और वाट्सएप पर मैसेज भी किया, लेकिन इसके बावजूद अधिकारी ने रिप्लाई नहीं दिया। शिक्षा मंत्री ने अधिकारी की कार्यशैली बारे बिजली मंत्री अनिल विज को अवगत कराया और उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए जींद एसई को सस्पेंड के आदेश जारी किए।
ढांडा का कहना है कि जनता का काम लटकाने और जनता से ठीक तरीके से व्यवहार न करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। थानेदार बनकर जनता पर रौब दिखाने की रिवायत किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यही नहीं, मंत्री व विधायक का फोन नहीं उठाने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि अफसरशाही के रवैये बारे मुख्यमंत्री नायब सैनी को अवगत कराया जाएगा और जनता के काम लटकाने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। महीपाल ढांडा का कहना है कि यदि कोई अधिकारी व कर्मचारी किसी मीटिंग या अन्य कार्यक्रम में व्यस्त तो उसे फ्री होने के तुरंत बाद मंत्री व विधायक को फोन करके सूचित करना चाहिए। मगर कुछ अधिकारी व कर्मचारी अपनी मनमर्जी से काम कर रहें और वे मंत्री व विधायक को तरजीह नहीं दे रहे हैं, यह मनमानी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।