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Haryana Budget 2025-26 : हरियाणा में 1000 से अधिक आबादी के गांवों की फिरनियां होंगी पक्की, हर जगह बनेगी ‘महिला चौपाल'

महात्मा गांधी ग्रामीण बस्तियों में सुविधाओं के लिए 200 करोड़ का पैकेज
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 17 मार्च।

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हरियाणा के छोटे गांवों की फिरनियां ना केवल पक्की होंगी बल्कि उनमें स्ट्रीट लाइट सुविधा भी होगी। सरकार ने 1000 से अधिक आबादी वाले सभी गांवों की कच्ची फिरनियों को पक्का करने का निर्णय लिया है। अभी तक ऐसी 224 गांवों की कच्ची फिरनियों को 69 करोड़ 11 लाख की लागत से पक्का करवाया गया है। अगले वित्तीय वर्ष में बाकी सभी गांवों की फिरनियां कवर होंगी।

सरकार ने हर गांव में एक महिला चौपाल बनाने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 754 गांवों का चयन किया गया है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने पंचायतों में वर्षों से अधूरे पड़े लगभग 600 से अधिक भवनों को पूरा करवाने के लिए 64 करोड़ रुपये का बजट अलॉ‍ट किया है। वहीं पूर्व की हुड्डा सरकार द्वारा महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत गरीब लोगों को दिए गए 100-100 वर्गगज के प्लाटों वाली कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।

इनमें से 7300 ऐसे लाभार्थी भी थे, जिन्हें पूर्व की सरकार ने प्लाट नहीं दिए थे। इन्हें मौजूदा भाजपा सरकार ने कब्जा दिया है। इन कालोनियों में बिजली-पानी व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया गया है। अभी तक सरकार 891 गांवों में ई-लाइब्रेरी और 250 इंडोर जिम तैयार करवा चुकी है। अगले वित्तीय वर्ष में चरणबद्ध तरीके से बाकी गांवों में भी इन दोनों सुविधाओं का विस्तार सरकार करेगी।

2200 नए अमृत सरोवर बनेंगे

आजादी के अमृत महोत्सव पर मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए अमृत सरोवर मिशन के तहत प्रदेश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया। हरियाणा में अभी तक 1645 अमृत सरोवर के टारगेट के बीच 2088 अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं। अब नायब सरकार ने आगामी वित्त वर्ष में 2200 नए अमृत सरोवर बनाने का फैसला लिया है।

पंचायतों को हॉपर टिपर डंपर

10 हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों को सरकार हॉपर टिपर डंपर प्रदान करेगी। इनका इस्तेमाल कचरा प्रबंधन के लिए किया जाएगा। सरकार ने गांवों में शहरों की तर्ज पर घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को यह जिम्मेदारी देने की योजना बनाई है। इसके लिए उन्हें गांव की जनसंख्या अनुपात में मासिक मेहनताना दिया जाएगा।

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