नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 23 जून
आपसी तालमेल के आभाव में दो लाख से अधिक लोगों को कोरोना रोधी टीकाकरण का आंकड़ा अपडेट नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग इसका ठीकरा निजी अस्पतालों की मनमानी पर फोड़ रहा है लेकिन कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर चूक कहां हुई। प्रदेश मुख्यालय की फटकार के बाद निजी अस्पतालों का डाटा कोविन पोर्टल के आधार पर अपडेट तो कर लिया, लेकिन ऐसा कोई तंत्र विकसित नहीं किया जिससे भविष्य में ये गड़बड़ी न हो।
दरअसल, जिला व प्रदेश स्तर पर जारी होने वाले कोविड बुलेटिन में गुरुग्राम में एक दिन पहले तक यानि 22 जून को 10 लाख 56281 लोगों का टीकाकरण किए जाने की जानकारी दी गई थी, लेकिन 23 जून को जारी किए गए बुलेटिन में अचानक यह आंकड़ा 12 लाख 51908 दर्शाया गया।
सिर्फ 24 घंटे के अंतराल में 2 लाख 5626 लोगों के टीकाकरण के आंकड़े के संबंध में जांच पड़ताल की गई तो गड़बड़ियों का खुलासा हुआ। नियमानुसार निजी अस्पतालों को अपने यहां होने वाले वैक्सीनेशन कार्य की पूरी जानकारी केंद्रीय स्तर के कोविन पोर्टल पर अपडेट करनी होती है।
वैक्सीनेशन का यही डाटा सरकारी निर्देशानुसार जिला स्तर पर बनाए गए कोर्डिनेटर की टीम की साथ भी साझा करना होता है।
ऐसे पकड़ी गड़बड़ी
निजी अस्पतालों ने वैक्सीनेशन का प्रतिदिन का डाटा कोविन पोर्टल पर तो हाथों-हाथ अपडेट कर दिया, लेकिन वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी की टीम को एक निर्धारित अवधि का ही डाटा दिया गया। यानि सुबह 9 से शाम पांच बजे तक का ही डाटा नोडल कार्यालय को दिया गया। शाम पांच बजे के बाद अगले दिन 9 बजे से पहले तक जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई उसकी जानकारी नोडल अधिकारी तक नहीं पहुंची। इसके चलते नोडल कार्यालय प्रदेश मुख्यालय को उक्त जानकारी नहीं दे पाया। जिससे जिला और प्रदेश के आंकड़े केंद्रीय कोविन पोर्टल से अलग हो गए। इसकी जानकारी स्टेट कोर्डिनेटर वीरेंद्र अहलावत को लगी तो उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से इस संबंध में बात की। जिसके बाद प्रदेश और केंद्र के आंकड़ों में 2 लाख 5626 का अंतर पाया गया। अब जिला व प्रदेश बुलेटिन में तो इस अंतर को दूर कर दिया गया है।