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सरकार नयी कृषि विपणन नीति को रद्द करे : रतन मान

भाकियू ने 20 मार्च तक का समय दिया सरकार को
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बाबैन के गांव खैरा में रोष व्यक्त करते भाकियू अध्यक्ष रतन मान व अन्य पदाधिकारी।-निस
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बाबैन, 17 मार्च (निस)

केंद्र सरकार की ओर से लाई नयी कृषि विपणन नीति के खिलाफ हरियाणा के किसान संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतन मान गांव खैरा में पूर्व जिला प्रधान रामकुमार के निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। रतन मान ने कहा कि प्रदेश सरकार पंजाब की तरह केंद्र सरकार की कृषि विपणन नीति को अस्वीकार करके किसान हितैषी होने का प्रमाण दे। उन्होंने कहा कि चल रहे विधानसभा सत्र में प्रदेश की भाजपा सरकार नयी कृषि विपणन नीति को पटल पर रख कर पक्ष-विपक्ष की चर्चा करवाए और इसे प्रदेश में लागू न करने का निर्णय ले।

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रतन मान ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार यह नीति औद्योगिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए लाई गयी है, जिससे अनाज मंडियां खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। सरकार तीन कृषि कानून के प्रावधानों को नये रूप में लागू करने की कोशिश कर रही है, जिससे मजदूरों, किसानों और मंडियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। सरकार को चाहिए कि मंडियों का और ज्यादा विस्तार करे, लेकिन इसके बजाय उन्हें कमजोर करने का काम किया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन ने मांग की है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पंजाब सरकार की तर्ज पर नीति को रद्द कर केंद्र सरकार को लौटा दे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया तो किसानों के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। किसान 20 मार्च को एकत्रित होंगे और कुरुक्षेत्र स्थित मुख्यमंत्री के आवास पर किसान महापंचायत करेंगे जिसमें किसान एकजुटता के साथ निर्णय लेंगे। रतन मान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 25 नवंबर, 2024 को जारी की गई कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति को हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर इसे प्रदेश में लागू न किया जाए। सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करके उनकी खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए। इसके अलावा प्रदेश में जहां ओलावृष्टि के कारण से फसल बर्बाद हुई है, वहां स्पेशल गिरदावरी करवा कर सरकार 50 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे।

इस मौके पर पूर्व जिला प्रधान रामकुमार, प्रदेश प्रवक्ता रामधारी, प्रदेश महासचिव जसबीर जैनपुर, मदनपाल बपदा, प्रवक्ता सुरेंद्र सांगवान, सलिंद्र जैनपुर, रामकुमार डूडी, राजपाल बपदा, धर्मपाल बपदा, सौरभ धनौरा जाटान, सलिंद्र धनौरा जाटान, अंग्रेज सिंह गिल, जोगिंद्र धनौरा जाटान, मेघराज धनौरा जाटान व अन्य किसान मौजूद रहे।

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