रोहतक, 19 मार्च (निस)
नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को करीब 4 महीने हो चुके है और करीब 300 किसानों की शहादत भी हो चुकी है। लेकिन सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। यह बात संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को अनाज मंडी में आयोजित खेती बचाओ-मंडी बचाओ अभियान के तहत प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने कही। उन्होंने कहा की फसलों पर एमएसपी रेट तय किया जाए और जो किसान की फसल का रजिस्ट्रेशन व मंडी में गेट पास जैसी शर्तें हैं उन्हें वापस लिया जाए। इसको लेकर उन्होंने सचिव मार्केट कमेटी के मार्फत केंद्र सरकार व राज्य सरकार के नाम आढ़तियों के साथ मिलकर ज्ञापन सौंपा है।
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन में कुर्बानी दे चुके किसान परिवारों के लिये संवेदना के दो शब्द तक नहीं बोले और न सरकार का कोई प्रतिनिधि उनके आंसू पोंछने आया। बल्लू प्रधान ने कहा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। आने वाली 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूर्ण भारत बंद का आह्वान किया गया है जो सुबह 6 बजे बजे से लेकर शाम 6 बजे तक रहेगा। जब तक तीनों नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे आंदोलन यूं ही जारी रहेगा।
इस अवसर पर किसान सभा के जिला प्रधान प्रीत सिंह, आढती एसोसिएशन के प्रधान डिंपल, सुरेंद्र हुड्डा, रिंकू, विजय बल्हारा आदि मौजूद रहे।