कुरुक्षेत्र, 24 जून (हप्र)
प्राचीन काल से भारत की हस्त कला देश-विदेश में प्रसिद्ध रही है, मगर प्रोत्साहन न मिलने के कारण अब यह कला लुप्त होती जा रही है। इसलिए सरकार के साथ-साथ धार्मिक, सामाजिक व समाजसेवी संस्थाओं को चाहिए कि वे आगे आएं और कलाकारों को प्रोत्साहित करें, ताकि इस कला को संरक्षित किया जा सके। ये विचार अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार न्याय परिषद के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जसबीर सिंह ने जीफा आर्ट कॉलेज द्वारा लगाए स्थानीश्वर क्राफ्ट मेले का बतौर मुख्यातिथि अवलोकन करने के बाद व्यक्त किए।
उन्होंने जीफा द्वारा स्कल्पचर ऑयल पेंटिंग, स्टोन पेंटिंग, पेपर क्राफ्ट, मधुबनी पेंटिंग व मंडला इत्यादि की अद्भुत प्रस्तुति की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कलाकारों की हौसला अफजाई भी की। उन्होंने पेंटिंग व कलाकृतियां तैयार कर रहे बच्चों से बातचीत भी की और उन्हें सुझाव भी दिए। बता दें कि विभिन्न शहरों के करीब 30 कलाकारों द्वारा यहां पर लगाई 225 से भी ज्यादा पेंटिंग्स की प्रदर्शनी देखने योग्य है।
जीफा आर्ट कॉलेज के डायरेक्टर गगनदीप सिंह ने बताया कि बच्चों को पाॅट डेकोरेशन, स्टोन पेंटिंग, पेपर क्राफ्ट, क्ले मॉडलिंग व स्केचिंग की 28 जून तक ट्रेनिंग दी जाएगी। गगनदीप सिंह ने बताया की स्थानीश्वर क्राफ्ट मेले में बच्चों व आर्टिस्टों की नयी गतिविधियां व कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। इस दौरान मैडम सपना, बलराम, शिवानी, अथर्व, प्रिंस, कृषा, नव्या, याशवी, कलाकार गुरजोत कौर, अनमोलप्रीत सिंह, अभिषेक, मुकेश, खुशी, योगेश इत्यादि मौजूद रहे।