गुरुग्राम, 17 जुलाई (निस)
एक तरफ सरकार ने गुरुग्राम को ‘वेस्ट फ्री सिटी’ का खिताब दे दिया है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कोई सेक्टर नहीं जहां कूड़े के ढेर दिखाई न दें। आज झाड़सा प्रेमपुरी के स्थानीय लोगों ने दिखाया कैसे क्षेत्र का कूड़ा प्रेमपुरी और झाड़सा के बीच में एक खाली प्लॉट में डम्प किया जा रहा है।
यही मिक्स कूड़ा अर्थ मूवर्स के जरिए बड़े ट्रकों में डालकर बंधबाड़ी भेज दिया जाता है। सभी की आंखों के सामने निगम की कई वैन और ट्रॉली मिक्स गीला और सूखा कूड़ा इस जगह पर डाल कर चली गईं।
प्रेमपुरी और झाड़सा के लोगों को इसकी बदबू परेशान कर रही है और सामने चो. छोटूराम स्कूल के बच्चे किस तरह इस बदबू में बैठते होंगे उसका अनुमान लगाना मुश्किल है। जबकि खुद सरकार का नियम है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल के तहत गीला कूड़ा सीधे कंपोस्टिंग यूनिट में ले जाया जाए और सूखा कूड़ा आरडीएफ यूनिट में भेजा जाए। इस तरह शहर के आबादी वाले इलाकों में मिक्स कूड़ा फेंकने से वायु प्रदूषण भी हो रहा है, मीथेन जैसी खतरनाक गैस लोगों के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाएगी।
एक तरफ एमसीजी इन्ही मुद्दों पर आरडब्लूए को नोटिस दे रही है कि सूखा और गीला कूड़ा पूरी तरह से अलग करें, दूसरी तरफ एमसीजी खुद कॉलोनियों से उठाया हुआ मिक्स कूड़ा शहर के रिहायशी इलाकों में फेंक कर लोगों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा कर रही है।
आप नेता डॉ. सारिका वर्मा का कहना है कि इसीलिए गुरुग्राम विश्व की सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में आता है और सरकार सभी को शु्द्ध हवा प्रदान करने की कोशिश में गीला कूड़ा डालना झाड़सा, प्रेमपुरी में तुरंत प्रभाव से बंद करवाये।