पूर्व मंत्री जेपी दलाल बन सकते भाजपा के नये प्रदेशाध्यक्ष!
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 मई
हरियाणा के पूर्व वित्त व कृषि मंत्री जयप्रकाश (जेपी) दलाल को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व भाजपा हाईकमान एक बार फिर जाट नेता के हाथों में देने का लगभग मन बना चुका है। अब अगर किसी तरह की अड़चन नहीं आई तो बहुत जल्द ही जेपी दलाल के नाम की घोषणा हो सकती है। दलाल की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के नजदीकियों में होती है।
सूत्रों का कहना है कि मनोहर लाल की ओर से जेपी दलाल के नाम को ‘हरी झंडी’ मिल चुकी है। पार्टी नेतृत्व के स्तर पर प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर लम्बे समय से मंथन चल रहा है। एक बार तो मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की ही फिर से ताजपोशी होने की प्रबल संभावना बन गई थी। बड़ौली ने करीब दो डेढ़ माह पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात के बाद बड़ौली के फिर से प्रदेशाध्यक्ष बनने की संभावनाओं को और बल मिला था।
इसी दौरान बड़ौली पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला फिर से मीडिया के सामने आ गई। इतना ही नहीं, सोलन कोर्ट में भी यह मामला पहुंच गया। माना जा रहा है कि इसी वजह से प्रधानगी का फैसला लगातार लटकता चला गया। बाद में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारतीय सेनाओं द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वजह से भी हरियाणा के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष का मामला भी अधर में लटक गया।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा अब चूंकि मोदी कैबिनेट में शामिल हैं। ऐसे में उनकी जगह भी पार्टी को नया प्रधान मिलेगा। दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा अब संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश में है। बिहार में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। इन चुनावों से पहले संगठन में जो भी बदलाव किया जाना है, वह पार्टी समय रहते करने की कवायद में जुटी है। मोहनलाल बड़ौली को नायब सिंह सैनी की जगह प्रदेश भाजपा की कमान इसलिए सौंपी गई थी क्योंकि सैनी को मनोहर लाल की जगह प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया था।
विधानसभा चुनाव भी बड़ौली के नेतृत्व में ही लड़े गए। भाजपा ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। ऐसे में बड़ौली को एक और मौका मिलने की उम्मीद बढ़ गई थी लेकिन महिला के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप लगने की वजह से उनकी कुर्सी पर खतरे के बादल मंडरा गए। बेहद अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में जाट वोटरों को रिझाने के लिए भाजपा ने एक बार फिर से जाट चेहरे पर दांव लगाने का लगभग मन बना लिया है। जाट चेहरे के रूप में सबसे ऊपर पूर्व मंत्री जयप्रकाश दलाल का नाम सामने आ रहा है। जेपी दलाल चूंकि मनोहर लाल खट्टर की ‘गुडबुक’ में शामिल नेताओं में शुमार हैं, ऐसे में उनका नाम पूरी मजबूती के साथ भाजपा गलियारों में लिया जा रहा है। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के नाम का भी चर्चा जाट नेताओं के रूप में लिया जा रहा है। हालांकि मनोहर लाल के साथ उनकी बहुत अच्छी ट्यूनिंग नहीं रही है। ऐसे में उनके नाम का विरोध भी कहीं न कहीं हो सकता है।
करनाल के पूर्व सांसद संजय भाटिया का नाम भी प्रदेशाध्यक्ष के लिए चर्चाओं में रहा है। इस बार करनाल से भाटिया की जगह मनोहर लाल को चुनाव लड़वाया गया। भाटिया के विधानसभा चुनाव लड़ने की भी संभावना थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। वहीं ब्राह्मण नेताओं में मनोहर लाल के राजनीतिक सचिव रहे अजय गौड़ का नाम भी लिया जा रहा है। बहरहाल, दिल्ली से मिली खबरों को अगर सही मानें तो पार्टी नेतृत्व जाट नेता को प्रधानगी सौंपने के मूड़ में है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ भी पार्टी प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं।