पांच साल पुरानी स्थानांतरण नीति बदली, माॅडल आनलाइन पाॅलिसी लागू
चंडीगढ़, 23 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने पांच साल पुरानी स्थानांतरण नीति में बदलाव करते हुए माॅडल आॅनलाइन ट्रांसफर पाॅलिसी लागू कर दी है। अब 50 या इससे कम कर्मचारियों वाले विभागों में भी आनलाइन स्थानांतरण होंगे, जबकि पुरानी पाॅलिसी में 80 काडर संख्या वाले विभागों में ही आॅनलाइन स्थानांतरण किए जा रहे थे।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने शुक्रवार को माॅडल आॅनलाइन ट्रांसफर पाॅलिसी की अधिसूचना जारी कर दी। विशेष बात यह कि कर्मचारियों के स्थानांतरण में मंत्रियों और विधायकों की नहीं चलेगी। नई तबादला नीति में मंत्री या विधायक की सिफारिश को बाहरी प्रभाव माना जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री के पास किसी कर्मचारी के स्थानांतरण का विशेषाधिकार जरूर होगा। ट्रांसफर ड्राइव के अलावा बीच में ट्रांसफर प्रशासनिक सचिव के द्वारा मुख्यमंत्री से अनुमोदन लेकर किया जा सकेगा। यानी कि आॅनलाइन ट्रांसफर ड्राइव के बाद मुख्यमंत्री की सहमति के बगैर ट्रांसफर नहीं होगा।
अधिसूचना के 15 दिनों के अंदर तमाम विभाग पाॅलिसी के तहत आने वाले पदों की सूची प्रकाशित करेंगे। ट्रांसफर पाॅलिसी के तहत कुल 80 अंकों के आधार पर मेरिट बनेगी। सबसे ज्यादा आयु के आधार पर 60 अंक तक मिलेंगे, जबकि महिला कर्मचारी को दस अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे। तलाकशुदा और विधवा-विधुर कर्मचारियों के साथ ही 40 साल से अधिक उम्र की अविवाहित महिला कर्मचारियों को दस अंक दिए जाएंगे।
पति-पत्नी दोनों के सरकारी कर्मचारी होने पर कपल केस के पांच और सैनिक की पत्नी, बीमारी और विकलांगता पर दस-दस अंक निर्धारित किए गए हैं। अगर विकलांगता 70 प्रतिशत से अधिक हुई तो 20 अंक मिलेंगे।
अगर किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति में एक साल से कम समय है तो उसे ट्रांसफर ड्राइव में शामिल नहीं किया जाएगा। कैंसर मरीजों, बाईपास सर्जरी कराने वाले या डायलिसिस करा रहे कर्मचारी व अंग प्रत्यारोपण करा चुके कर्मचारी भी बगैर मर्जी के स्थानांतरित नहीं किए जाएंगे। इसी तरह 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग और विधवा कर्मचारी, जिसका सबसे छोटा बच्चा 10 वर्ष से कम आयु का है, उसका भी उसकी मर्जी के बगैर ट्रांसफर नहीं होगा। वहीं अनुशासनात्मक कार्रवाई झेल रहे कर्मचारियों के लिए निगेटिव मार्किंग लागू की गई है, जिसके तहत उनके 10 अंक काटे जाएंगे।