तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 3 जून
फसलों से निकलने वाले अवशेष (पराली) से बिजली उत्पादन करने वाले देश के पहले संयंत्र ग्रीन एनर्जी प्लांट में शुक्रवार को आग लगने से 5 कर्मचारी बुरी तरह से झुलस गए। उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है।
एक वर्ष पहले के-2 पावर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जिले के गांव खुर्शीद नगर में पराली से बिजली उत्पादन करने के लिए गांव के राजपाल ने ग्रीन एनर्जी प्लांट लगाया गया था। शुक्रवार की प्रात: जब कर्मचारी प्लांट में पराली डाल रहे थे तो अचानक हुए फायर बैक की चपेट में पांच कर्मचारी गांव मुमताजपुर के नरेंद्र, भड़ंगी के संजय तथा गुजरात के 3 श्रमिक छोटे, केशव व योगेंद्र आ गए।
वे बुरी तरह से झुलस गए। नरेंद्र व संजय की हालत गंभीर बताई गई है। आनन-फानन में इन सभी झुलसे हुए कर्मचारियों को रेवाड़ी से पहले गुरुग्राम के अस्पताल और बाद में दिल्ली के एम्स रेफर कर दिया गया। जहां उनका उपचार चल रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि आग पावर प्लांट में गैस पाइप लाइन में अचानक बने प्रेशर से भड़की थी।
आग लगने की सूचना के बाद नाहड़ के नायब तहसीलदार अस्तित्व पराशर व नाहड़ चौकी प्रभारी जगदीश भी मौके पर पहुंचे। परंतु तब तक सभी कर्मचारियों को अस्पताल ले जाया जा चुका था। प्लांट में रखे गए अग्निशमन यंत्रों से अन्य कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया। नाहड़ चौकी प्रभारी जगदीश ने कहा कि हमें अभी तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है और न ही यहां के किसी अस्पताल में घायलों की एमएलआर हुई है। सभी पांच घायलों को दिल्ली ले जाया गया है। कर्मचारियों के बयान लेने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
बायोमैस गैस विधि से काम कर रहा है यह संयंत्र
फरवरी 2022 में लगा देश का पहला पराली से चलने वाला यह प्लांट बॉयलर की बजाय बायोमैस गैस विधि से काम कर रहा है, जिसमें प्रदूषण की कोई संभावना नहीं है। पराली से चलने वाले पांचों इंजनों से तैयार होने वाली गैस से ही बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इस पावर प्लांट में 400 किलोवॉट क्षमता के 5 इंजन लगाए है। मुमताजपुर मार्ग पर पांच एकड़ जमीन में यह ग्रीन एनर्जी प्लांट लगाया गया है। जिसकी बिना प्रदूषण के दो मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है। इस प्लांट में पराली को जलाने की अपेक्षा उसे भाप से गलाकर बिजली पैदा की जा रही है। जिसमें किसी भी तरह का कोई वायु प्रदूषण नहीं हो रहा।