ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 16 मार्च
सूखे, धूल भरी आंधी, भूकंप, आग, शॉर्ट-सर्किट या बिजली की चिंगारी, ओलावृष्टि, बारिश, बाढ़, बादल फटने, ठंड-लू या कीट हमलों से फसलों को होने वाले नुकसान के लिए अब किसानों को पटवारियों के चक्कर नहीं काटने होंगे। इन आपदाओं से पशुओं, मत्स्य पालन, हस्तशिल्प/हथकरघा या आवास में होने वाले नुकसान के लिए संबंधित किसान और पशुपालक सरकार को खुद ही अपने नुकसान के बारे में बताएंगे। रेवन्यू डिपार्टमेंट इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रहा है।
पूर्व मंत्री व तोशाम विधायक किरण चौधरी द्वारा फरवरी में ओलावृष्टि से प्रदेश के दादरी, महेंद्रगढ़, भिवानी सहित कई जिलों में हुए नुकसान को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने इन नई योजनाओं का ऐलान किया।
प्रस्ताव पर इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला, कांग्रेस चिरंजीव राव, जगबीर सिंह मलिक, वरुण चौधरी, आफताब अहमद, इंदूराज नरवाल व डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान ने भी किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने पीएम फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठाए। इस योजना के नाम पर किसानों के साथ लूट करने के आरोप तक जड़े गए।
किरण चौधरी ने कहा कि ओलावृष्टि से सरसों व गेहूं के अलावा किसानों की मूली की फसलें बर्बाद हुई हैं। पीएम फसल बीमा योजना में किसानों से प्रीमियम तो लिया जाता है लेकिन उन्हें मुआवजा पूरा नहीं मिलता। उन्होंने आरोप लगाया कि गिरदावरी के समय ऊपर से निर्देश दिए जाते हैं कि पचास प्रतिशत से अधिक नुकसान न दिखाया जाए। कृषि मंत्री जेपी दलाल द्वारा बीमा योजना को स्वैच्छिक बताने पर कटाक्ष करते हुए किरण ने कहा, किसान क्रेडिट कार्ड से प्रीमियम की राशि काटी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए सरकार 30 से 50 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से भुगतान करे। 2021 की फसलों के नुकसान का मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिला है। इस पर दुष्यंत ने कहा कि 10 जिलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 561 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी कर दी है। जींद व यमुनानगर की रिपोर्ट भी अब आ गई है और सरकार ने इन दोनों किसानों को 54 करोड़ रुपये का मुआवजा मंजूर किया है। लगभग 9 लाख किसानों में से 1 लाख 50 हजार से अधिक किसानों के बैंक खातों में 131 करोड़ 31 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है। बाकी किसानों के खातों में भी यह पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर होगा।
ठप रहता है सरकार का पोर्टल : चिरंजीव राव
रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि सरकार की रिपोर्ट में रेवाड़ी के केवल 4 गांवों में नुकसान दिखाया है, जबकि यहां किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हुई हैं। उन्होंने कहा कि कहने को तो नुकसान के 72 घंटे बाद रिपोर्ट करने के नियम हैं लेकिन सरकार का पोर्टल ठप ही रहता है। राव ने कहा कि सरकार विशेष गिरदावरी करवा कर किसानों को उनकी लागत के हिसाब से मुआवजा दे।
नूंह के साथ हो रहा भेदभाव : आफताब
नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि उनके जिले के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। रबी फसल में जलभराव से काफी नुकसान हुआ। गिरदावरी रिपोर्ट में नूंह को इग्नोर कर दिया गया। डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश में विशेष गिरदावरी चल रही है। मेवात को लेकर लगाए आरोपों पर उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने नूंह के लिए 13 करोड़ 54 लाख रुपये जारी किए।
गिरदावरी में धांधली जांच के आदेश
गोहाना हलके के 4 गांवों में फसलों के नुकसान के लिए हुई गिरदावरी में धांधली के आरोप यहां से विधायक जगबीर सिंह मलिक ने लगाए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में गढ़ी हकीकत-बागड़ू, रतनगढ़, जाट माजरा व हुल्लाहेड़ी में बारिश व जलभराव से फसलों में नुकसान दिखा दिया है। सच्चाई यह है कि इन गांवों में जलभराव की वजह से बुआई ही नहीं हो पाई। ऐसे में फसलों को नुकसान कैसे हुआ। मलिक ने मामले की जांच की मांग की। डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने गोहाना एसडीएम की अध्यक्षता में 3 अधिकारियों की जांच टीम बनाने का ऐलान किया। साथ ही, कहा कि यह टीम मलिक को भी सूचित करेगी ताकि वे उनके साथ जाकर मौका मुआयना कर सकें। दुष्यंत ने कहा, सरकार की कोशिश रहेगी कि सोमवार को सत्र के दौरान ही रिपोर्ट सदन में पेश कर दी जाए।