पानीपत, 9 मई (निस)
कोरोना के चलते पानीपत की नई सब्जी मंडी में फड़ी लगाकर सब्जी बेचने वाले मासाखोरों पर रोक लगा दी गई है और अब मंडी में किसानों से थोक और रेहड़ी व दुकान वाले फुटकर विक्रेता ही सब्जी खरीद रहे हैं।
हालांकि लॉकडाउन के चलते सब्जी मंडी में अब बहुत कम थोक विक्रेता ही सब्जी का काम कर रहे हैं। कोरोना के चलते अब किसानों की सब्जियां जहां बहुत कम भाव पर बिक रही हैं, वहीं रेहड़ी व दुकान वाले सब्जी मंडी में किसानों से सस्ते भाव में खरीद कर शहर में करीब दोगुना भाव पर बेच रहे हैं। इससे एक तरफ तो किसानों को सब्जियों का पूरा भाव नहीं मिल रहा है और दूसरे लोगों को भी ज्यादा भाव में सब्जियां खरीदनी पड़ रही हैं। पानीपत मार्केट कमेटी ने लोगों की सुविधा के लिये सब्जियों के रेट तय किये हुए हैं और उससे ज्यादा भाव पर कोई भी फुटकर विक्रेता सब्जी बेचेगा तो उस पर कार्रवाई होगी। सब्जी उत्पादक किसान सुरेश मिट्टान, रणबीर सिंह व राजेश राठी आदि ने बताया कि पानीपत सब्जी मंडी में टिंडा 12 से 17 रुपये प्रति किलो, खीरा 5-6 रुपये, टमाटर 3-4 रुपये, करेला करीब 20 रुपये, भिंडी करीब 20 रुपये बिक रही है जबकि शहर में रेहड़ियों पर और दुकानों पर सब्जी बेचने वाले आमतौर पर टिंडा करीब 40 रुपये, खीरा 20 रुपये, टमाटर 15-20 रुपये, भिंडी 40-50 रुपये व करेला 45-50 रुपये में बेचा जा रहा है। यहां तक की पानीपत शहर के पॉश क्षेत्रों मॉडल टाउन व सेक्टर 11-12 आदि में व शहर की कालोनियों में भी रेट का भारी अंतर है।
किसान कांग्रेस के जिला प्रधान राजेश बडौली ने कहा कि किसानों को तो उनकी सब्जियों का पूरा भाव नहीं मिल रहा है तो फिर सब्जी ग्राहकों को डबल भाव पर क्यों मिल रही है।
पानीपत मार्केट कमेटी के सचिव नरेश मान ने बताया कि कमेटी द्वारा सब्जियों व फलों के रेटों की रोजाना की लिस्ट बनाकर फुटकर विक्रेता को दी जाती है और उनको उसी भाव पर सब्जी बेचने के लिये कहा जाता है। लेकिन यदि कोई भी फुटकर विक्रेता उससे ज्यादा भाव पर सब्जी बेचता हुआ मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।