रेवाड़ी, 17 मई (हप्र)
दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर गांव ओढ़ी कट के निकट मंगलवार की तड़के 4.30 बजे एक भीषण सड़क हादसा पेश आया। जहां 17 लोगों से भरी एक क्रूजर गाड़ी खड़े ट्रक से जा टकरायी। हादसे में क्रूजर में सवार 2 महिलाओं सहित 5 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। ये सभी एक ही परिवार के थे और अपने पिता की अस्थियां विसर्जित करने हरिद्वार गए थे। टक्कर इतनी भीषण थी कि क्रूजर की छत उड़ गई। जानकारी के अनुसार जयपुर के गांव सामोद के एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके बेटे व परिजन अस्थियां विसर्जित करने सोमवार को क्रूजर से हरिद्वार गए थे। इसमें महिलाओं सहित 17 लोग सवार थे। लौटते समय उनकी क्रूजर तड़के 4.30 बजे बावल के हाईवे स्थित ओढ़ी कट के पास बिना इंडीकेटर खड़े ट्रक से टकरा गयी। अंधेरा होने के कारण चालक इसे नजदीक से देख पाता, तभी तेज रफ्तार क्रूजर उसमें जा घुसी।
वहां से गुजर रहे लोगों ने इसकी सूचना बावल थाना पुलिस को दी और गाड़ी में फंसे लोगों को निकालने का कार्य शुरू कर दिया। इनमें पांच लोगों की मौत हो चुकी थी। एक शव सीट के नीचे फंस गया था, उसे जैसे-तैसे निकाला गया। 12 घायलों व मृतकों को पुलिस की मदद से बावल के अस्पतालों में भेजा गया। मृतकों में 2 भाई, 2 महिलाएं व एक बेटा शामिल है। सूचना पाकर डीएसपी बावल राजेश लोहान, एसडीएम संजीव कुमार व बावल थाना प्रभारी साहिद अहमद भी अस्पताल पहुंच गए। मृतकों की पहचान मालूराम (45), महेंद्र (42), आशीष (15), शुगना (37), दादी भैरो देवी (95) के रूप में हुई है। घायलों में कैलाश, उसकी पत्नी गीता व पुत्र विरेंद्र, उर्मिला, राजेंद्र, संतोष देवी, अंकित, मधु, बीना देवी, दीक्षा, मानस शामिल हैं। क्रूजर बंशीलाल चला रहा था। वह घायल होने के बाद मौके से फरार हो गया।
20 साल से रखी थी अस्थियां
मालूराम, महेंद्र व कैलाश के पिता गौवर्धन का 20 वर्ष पूर्व निधन हो गया था। घर की माली हालत इतनी खराब थी कि अस्थियों को हरिद्वार ले जाकर विसर्जित करने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे। इसके चलते इन अस्थियों को गांव में ही एक कलश में सुरक्षित रख दिया गया था। अब अस्थियों को विसर्जित करने का परिवार ने फैसला लिया।