आपातकाल देश के इतिहास का काला अध्याय : विरेंद्र कौशिक
सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग ने लघु सचिवालय परिसर में संविधान हत्या दिवस पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। इसमें आपातकाल के दौरान लोकतंत्र पर हुए प्रहार से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ भाजपा...
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सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग ने लघु सचिवालय परिसर में संविधान हत्या दिवस पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। इसमें आपातकाल के दौरान लोकतंत्र पर हुए प्रहार से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ भाजपा जिलाध्यक्ष विरेंद्र कौशिक ने किया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी काे आपातकाल के समय लोगों पर हुए अत्याचार के बारे में जागरूक होना जरूरी है। आपातकाल देश के इतिहास का काला अध्याय है। बेकसूर लोगों को जेलों में डाल दिया गया, उन्हें यातनाएं दी गईं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया का भी गला घोंटने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि विशेषकर युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में सही जानकारी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि हर युवा और आमजन को 25 जून 1975 को आपातकाल घोषित किए जाने वाली उस काली रात के बारे में पता होना चाहिये। मौके पर मौजूद नवीन गुप्ता व राजेश ने कहा कि स्वतंत्र भारत में 25 जून 1975 को लोकतंत्र की हत्या हुई थी, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अपने राजनीतिक हित को पूरा करने के लिए आपातकाल की घोषणा की थी। इस प्रदर्शनी के माध्यम से उस आपातकाल के दौरान की गई प्रताड़ना की जानकारी दी गई, जो प्रशासन का एक अच्छा प्रयास है।
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