Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

हरियाणा, जेएंडके में चुनाव का बिगुल

चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के साथ हरियाणा विधानसभा के लिए चुनावों का ऐलान कर दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। इसके साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार। - ट्रिन्यू
Advertisement

चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के साथ हरियाणा विधानसभा के लिए चुनावों का ऐलान कर दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। इसके साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। यानी कोई नयी सरकारी घोषणा नहीं होगी, नये प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सकते। अलबत्ता जारी परियोजनाओं पर रोक नहीं होगी। जरूरी तबादलों के लिए चुनाव कार्यालय की अनुमति लेनी होगी।

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

Advertisement

चंडीगढ़, 16 अगस्त

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना पांच सितंबर को जारी होगी। नामांकन 12 सितंबर तक दाखिल किए जा सकते हैं। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन की छानबीन 13 सितंबर तथा नाम वापसी की आखिरी तारीख 16 सितंबर होगी। मतदान एक चरण में एक अक्तूबर को होगा तथा चार अक्तूबर को मतगणना होगी। दैिनक टि्रब्यून ने 12 अगस्त को ही विधानसभा चुनाव पहले कराये जाने संबंधी खबर दे दी थी।

पिछले दिनों चुनाव आयोग का दल चंडीगढ़ आया था। सरकार या विपक्ष किसी को भी इस बात का आभास नहीं था कि इतनी जल्दी चुनावों की घोषणा होगी। तय कार्यक्रम पर गौर करें तो हरियाणा में इस बार लगभग एक माह एडवांस नयी सरकार का गठन होगा।

हैट्रिक की कोशिश में भाजपा

हरियाणा में भाजपा 2014 में पहली बार 47 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई थी। 2019 में भाजपा को जजपा के 10 विधायकों का समर्थन लेना पड़ा। अब भाजपा जीत की हैट्रिक के लिए सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में चुनावी रण में उतरेगी।

सत्ता में वापसी चाहती कांग्रेस

2014 तक लगातार दो बार सत्ता में रही कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए लड़ाई लड़ रही है। हालिया लोकसभा चुनावों में दस में से पांच पर जीत हासिल करने के बाद से कांग्रेसियों का मनोबल बढ़ा हुआ है।

इनेलो-बसपा गठबंधन और आप को भी उम्मीदें : हरियाणा में इनेलो ने एक बार फिर बसपा से चुनावी समझौता किया है। पिछले 20 वर्षों से सत्ता से बाहर चल रही इनेलो को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। इनेलो के सामने सिम्बल बचाने की भी चुनौती बनी हुई है। उधर, दिल्ली व पंजाब में सत्तासीन आप खाता खोलने की कोशिश में है। 2019 के विधानसभा चुनावों में 10 सीटों पर जीत के बाद ‘किंगमेकर’ की भूमिका में आए पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सामने बड़ी चुनौती है। उकलाना से उनकी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री अनूप धानक ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा के साथ लगातार सवा चार वर्षों तक गठबंधन में सरकार चला चुकी जजपा का लोकसभा में दयनीय प्रदर्शन रहा।

संवेदनशील राज्य में पहली लोकतांत्रिक परीक्षा

जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। यहां मतगणना चार अक्तूबर को होगी।

साल 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पहले चरण के तहत 18 सितंबर को मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को वोटिंग होगी। आखिरी चरण का मतदान एक अक्तूबर को होगा। गौर हो कि केंद्र सरकार ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। इस फैसले को चुनौती देनी वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने का फैसला बरकरार रखा था। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को इस साल सितंबर तक इस पूर्ववर्ती राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाने को कहा था। जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में पांच चरणों में हुआ था। तब यह एक राज्य था और लद्दाख इसका हिस्सा था।

डल झील में तैरेंगे 3 मतदान केंद्र

कोई मतदाता छूट न जाए इसके लिए चुनाव आयोग डल झील में तीन तैरते मतदान केंद्र स्थापित करेगा। साथ ही नियंत्रण रेखा पर एक मतदान केंद्र विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति के लिए होगा क्योंकि वहां 100 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति की है। तैरते मतदान केंद्रों में से एक में केवल तीन मतदाता हैं।

‘समय पर होंगे उपचुनाव, वायनाड में हालात ठीक नहीं’

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मौसम की खराबी और प्राकृतिक आपदाओं के कारण उसने फिलहाल 46 विधानसभा सीट तथा वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की है, लेकिन स्थिति में सुधार होते ही छह महीने की निर्धारित समयसीमा के भीतर उपचुनाव करा दिए जाएंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यह भी कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि ये चुनाव एक साथ कराए जाएं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी संसदीय चुनाव में रायबरेली और वायनाड दोनों सीट से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी जिस वजह से वहां उपचुनाव होना है।

हरियाणा में लगातार दस वर्षों से डबल इंजन की सरकार है। केंद्र में एनडीए सरकार बन चुकी है। हरियाणा में भी भाजपा जीत की हैट्रिक लगाएगी। हमारी चुनावी तैयारियां पूरी हैं। हम चुनाव आयोग की घोषणा का स्वागत करते हैं। कांग्रेस के 10 वर्षों के कुशासन को प्रदेश के लोग भूले नहीं हैं।

-नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री- हरियाणा

चुनाव कार्यक्रम का स्वागत है। प्रदेश के लोग भाजपा की सरकार से त्रस्त आ चुके हैं। लोग चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अच्छा हुआ समय पूर्व घोषणा हो गयी। लोगों को हर मोर्चे पर विफल सरकार से छुटकारा मिलेगा। कांग्रेस मजबूती से लड़ेगी और प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी।

-भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम- हरियाणा

Advertisement
×