दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 20 मई
हरियाणा के सरकारी स्कूलों की दिशा-दिशा बदलने की मुहिम सरकार ने शुरू कर दी है। नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा पड़ोसी राज्यों में पेश किए जा रहे दिल्ली के स्कूल मॉडल की टक्कर देने की कवायद में हरियाणा सरकार कई तरह के बदलाव कर रही है।
शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए रेशनलाइजेशन होगा। साथ ही, यह भी तय किया जाएगा कि अब एक स्कूल में एक ही मुखिया होगा। बेशक, संबंधित स्कूल में यूनिट अलग-अलग ही क्यों न हों। दरअसल, पहली से बारहवीं तक के स्कूलों को शिक्षा विभाग तीन मानता है। इसी के तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक के स्कूल में हेड टीचर मुखिया होता है तो छठी से आठवीं तक के स्कूलों को मिडल और इसके बाद की कक्षाओं के स्कूल को हाई/सीनियर सेकेंडरी स्कूल माना जाता है। इनमें हेडमास्टर और प्रिंसिपल भी अलग होते हैं। अब सरकार ने तय किया है कि जिस कक्षा तक का स्कूल है, उसके हिसाब से ही मुखिया नियुक्त होंगे। मसलन, पहली से पांचवीं तक का ही स्कूल है तो उसमें हेड टीचर होगा।
अगर पहली से बारहवीं तक का स्कूल एक ही बिल्डिंग में चल रहा है तो सभी कक्षाओं का कंट्रोल प्रिंसिपल के पास रहेगा। सरकार का मानना है कि इससे शिक्षकों की कमी पूरी होगी। यहां बता दें कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के चालीस हजार के करीब पद खाली हैं। सरकार का यह भी तर्क है कि जितने पद सृजित हैं, उतने शिक्षकों की जरूरत नहीं है।
वहीं दूसरी ओर, सरकार संस्कृति मॉडल स्कूलों की संख्या भी बढ़ाएगी। वर्तमान में ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाकर 500 किया जा रहा है। अगले चरण में इनकी संख्या और भी बढ़ेगी। इन स्कूलों के प्रति विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा है।
संस्कृति मॉडल स्कूलों में एक लाख 80 हजार रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इससे अधिक आय वाले परिवारों के बच्चों को फीस देनी होगी। ऐसे विद्यार्थियों के लिए फीस 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक मासिक हो सकती है।
टास्क फोर्स उपलब्ध कराएंगी सुविधाएं
सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराने को सरकार ने दो टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में अभी भी 30 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में विद्यार्थी जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं। सभी स्कूलों में ड़्यूल डेस्क का प्रबंध करने के लिए टास्क फोर्स बनेगी। वहीं दूसरी टास्क फोर्स स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, सुंदरता, साफ-सफाई, पार्क, शौचालय, खेल मैदान से लेकर आधुनिक लैब तक का प्रबंध करेगी।
स्मार्ट क्लास रूम बनाए जाएंगे
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास-रूम बनाने की शुरुआत हो गई है। इसी कड़ी में सरकार ने 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को टैबलेट भी मुहैया कराए हैं। सरकारी स्कूलों में बिजली का प्रबंध करने के लिए स्कूलों की छत पर सोलर प्लांट भी लगाने का निर्णय लिया है। वहीं दूसरी ओर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की रोक हटने के बाद अब सरकार ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव भी शुरू करेगी।