राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 21 जुलाई
नूंह में डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई की डंपर से कुचलकर हत्या के बाद एक बार फिर अवैध खनन माफिया चर्चा में है। गुरुग्राम, मेवात, नूंह के अलावा प्रतिबंध के बावजूद फरीदाबाद में भी अवैध खनन जोरों पर है। रात के समय अरावली का सीना चीरकर काला कारोबार किया जाता है। परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा द्वारा सख्ती किए जाने के बावजूद अवैध खनन करने वालों पर कोई अंकुश नहीं है। सूरजकुण्ड के अनखीर से लेकर जिले की आखिरी सीमा तक अवैध खनन जारी है। पुलिस प्रशासन कार्रवाई तो करता है, बावजूद इस पर पूरी तरह से अकुंश नहीं लग पाया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह के अनुसार जनवरी 2022 से लेकर अब तक पुलिस ने अवैध खनन के 38 मामले दर्ज किए हैं और इनमें से कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके वाहन भी जब्त किए हैं। कई गांवों में स्थानीय लोग और ग्रामीण ही अवैध खनन में शामिल हैं क्योंकि यह उनके लिए रोजगार का साधन है। ग्रामीण धीरे-धीरे पहाड़ से पत्थरों को तोड़ते हैं, देर रात या फिर सुबह ट्रैक्टर में लादकर पास के स्टोन क्रशर में बेच देते हैं। ग्रामीणों को एक ट्रैक्टर पर 20 से 45 हजार रुपये तक मिलते हैं। गांव या फिर आसपास बनने वाले फार्म हाऊस और मकान की नींव के साथ-साथ दीवार बनाने में भी इस पत्थर का इस्तेमाल होता है।
2009 में लगी थी खनन पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने अरावली की पहाड़ियों को बचाने के लिए 2009 में खनन और निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने फरीदाबाद, गुरुग्राम और नूंह में क्रशर चलाने की अनुमति दे दी। फरीदाबाद के पाली में 160 स्टोन क्रशर हैं, फिलहाल उनमें से 90 चल रहे हैं। राजस्थान से आने वाला पत्थर तावडू से होते हुए फरीदाबाद के पाली क्रशर पहुंचता है। इस बीच 20 नाके आते है और वह सभी को पार कर जाते हैं।
मंत्री ने एक साल पहले की थी छापेमारी
खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने एक साल पहले रात में छापेमारी करके ओवरलोड ट्रक पकड़े थे। उन्होंने राजस्थान सीमा पर चौकसी के आदेश दिए थे, जिसके बाद खनन अधिकारी वाहनों को जब्त कर लेते हैं और उन पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया जाता है, लेकिन कोर्ट से जल्दी वाहन छूट जाने के बाद वह दोबारा से अवैध खनन के काम में जुट जाते है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एलएन पराशर ने अवमानना की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी और चार अधिकारियों को पार्टी बनाया। तीन अधिकारी अभी कोर्ट में तारीखों पर सुनवाई के दौरान पहुंचते हैं। एलएन पराशर खनन माफियाओं के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पराशर ने बताया कि अभी ये मामला अदालत में विचाराधीन है और उन पर कई जगह शांत बैठने के लिए दबाव भी बनाया गया था।
‘तेजी से कार्रवाई के लिए कोर्ट से करेंगे अपील’
खनन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि खनन माफिया द्वारा डीएसपी की हत्या के बाद अब सरकार ने ऐसे मामलों मेें सख्ती बरतने और पहले से दर्ज मामलों में तेजी से कार्रवाई करने के लिए न्यायपालिका से अपील करने का निर्णय लिया है। अब ऐसे मामलों में सूचना मिलने पर पुलिस की पूरी टीम हथियारों के साथ जाएगी। हरियाणा में करोड़ों रूपए का जुर्माना खनन माफिया पर किया जा चुका है। हजारों जेसीबी व अन्य वाहन सीज किए जा चुके हैं। सैकड़ों मामले अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं।
पुलिस की मिलीभगत का अंदेशा
इस मामले में पुलिस की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। पिछले दिनों सूरजकुुंड थाना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में अवैध खनन मामले में पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी से जवाब मांगा था, वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। इसके बाद थाना प्रभारी सहित सात पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच कराई। जांच टीम ने उनकी भूमिका संदिग्ध मानते हुए रिपोर्ट दी गई थी। इसमें से छह पुलिस कर्मियों के तबादले पिछले सप्ताह ही कर दिए गए है।