दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 जुलाई
हरियाणा मंत्रिमंडल में फिलहाल उठापठक भले ही न हो, लेकिन विभागों में बड़ा बदलाव संभव है। सरकार ने एक समान कार्य वाले विभागों को मर्ज (विलय) करने की तैयारी कर ली है। इस बाबत मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हो चुकी है। सैद्धांतिक रूप से सरकार इसका निर्णय भी ले चुकी है। आधा दर्जन से अधिक विभागों को विलय किया जाएगा। ऐसे में मौजूदा मंत्रियों के विभागों में इस हिसाब से बदलाव भी हो सकता है। सीएमओ में अंदरखाने इसका ड्राफ्ट तैयार हो रहा है। मर्ज होने के बाद विभागों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की एडजस्टमेंट भी होनी है। इसी वजह से इस पूरी प्रक्रिया में सरकार जल्दबाजी करने के बजाय पूरी प्लानिंग के साथ काम कर रही है। हालांकि कुछ विभागों में इस कवायद का अंदरखाने विरोध भी हो रहा है। सरकार जिस सोच के साथ यह कदम उठा रही है, उसे भविष्य के हिसाब से काफी फायदेमंद माना जा रहा है। कई ऐसे विभाग हैं, जिनके लिए मंत्री अलग-अलग होते हैं, लेकिन उन विभागों में आपस में कनेक्शन रहता है। मंत्री अलग होने की वजह से फाइलों की मूवमेंट व उनकी अप्रूवल में काफी समय लग जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा यह कवायद शुरू की गई है।
इन डिपार्टमेंट के विलय की तैयारी
तकनीकी शिक्षा+ हायर एजुकेशन
सरकार तकनीकी शिक्षा विभाग को हायर एजुकेशन में मर्ज करने का निर्णय कर चुकी है। वर्तमान में तकनीकी शिक्षा विभाग गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पास है। यह अपने आप में बड़ा विभाग है। राज्य में इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी हैं, कॉलेज हैं और बड़ी संख्या में सरकारी व प्राइवेट पॉलिटेक्निक भी हैं। वहीं, हायर एजुकेशन यानी शिक्षा विभाग का जिम्मा कंवर पाल गुर्जर के पास है। ऐसे में जिस किसी के पास भी शिक्षा विभाग रहेगा, वह काफी हेवीवेट होगा।
बिजली विभाग + अक्षय ऊर्जा
बिजली से जुड़े सभी विभागों को एक छत के नीचे लाया जाएगा। वर्तमान में बिजली विभाग अलग है और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा यानी अक्षय ऊर्जा विभाग अलग है। इनके प्रबंध निदेशक भी अलग-अलग हैं। हालांकि दोनों विभागों की कमान चौ. रणजीत सिंह के पास है। सरकार इन दोनों विभागों काे मर्ज करेगी। पूर्व में कई बार ऐसा हुआ है, जब बिजली मंत्री अलग था तो अक्षय ऊर्जा विभाग किसी अन्य मंत्री के पास था।
पशुपालन+डेयरी+ मत्स्य विभाग
पशुपालन एवं डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग अलग-अलग हैं। आमतौर पर इन विभागों का मंत्री एक ही रहता है। सरकार मंत्रालय बढ़ाने के चक्कर में इन्हें बांट भी देती है। अब इन दोनों विभागों को मिलाकर एक किया जाएगा। वर्तमान में कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल के पास ये विभाग हैं। विभाग एक होने के बाद इनके प्रशासनिक सचिव भी एक ही होंगे।
रोजगार से जुड़े विभाग भी जुड़ेंगे
श्रम एवं रोजगार और रोजगार विभाग अलग-अलग हैं। अब सरकार ने कांट्रेक्ट की नौकरियों के लिए कौशल रोजगार निगम का भी गठन कर दिया है। सरकार रोजगार से जुड़े सभी विभागों को भी अब एक करने की प्लानिंग में है। स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) को भी इसके साथ ही जोड़ा जा सकता है। हाउसिंग से जुड़े सभी विभागों व बोर्ड को सरकार मर्ज करके उन्हें हाउसिंग फॉर ऑल के अंडर कर चुकी है। हाउसिंग बोर्ड भी अब इसी के अंडर है।
खेल + सिटीजन रिसोर्स डिपार्टमेंट
खेल एवं युवा मामले विभाग से युवा मामले को अलग कर सिटीजन रिसोर्स डिपार्टमेंट के अंडर लाने की तैयारी है। यह नया विभाग युवाओं के रोजगार व अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया है।
खट्टर सरकार में बनाए जा चुके हैं चार नये विभाग
खट्टर सरकार अभी तक राज्य में चार नये विभाग बना चुकी है। सिटीजन रिसोर्स डिपार्टमेंट का गठन किया गया है। इसके अंतर्गत फैमिली आईडी यानी परिवार पहचान-पत्र का भी काम हो रहा है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना को भी इसके साथ लिंक किया गया है। इसी तरह विदेश में पढ़ाई व रोजगार करने के लिए जाने वाले युवाओं के लिए विदेश सहयोग विभाग बनाया गया है। यह एक्सपोर्ट व इम्पोर्ट के अलावा विदेश से आने वाले डेलिगेशन को भी अटेंड करता है। फर्म कॉर्पोरेट डिपार्टमेंट भी खट्टर सरकार बना चुकी है। एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेस) पहले उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अंडर था। भाजपा सरकार एमएसएमई को अलग से विभाग का दर्जा दे चुकी है।
फायर डिपार्टमेंट+आपदा प्रबंधन
फायर डिपार्टमेंट शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अंतर्गत आता है। इसे निकाय से अलग करके आपदा प्रबंधन में मर्ज किया जा सकता है। सप्लाई एंड डिस्पोजल डिपार्टमेंट में भी इसी तरह का बदलाव होगा। कृषि और बागवानी विभाग के निदेशालय व निदेशक अलग-अलग हैं। आमतौर पर ये दोनों विभाग एक ही मंत्री के पास रहते हैं।
कई विभाग ऐसे हैं, जिनके काम एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनका वर्किंग स्टाइल भी मिलता-जुलता है, पर मंत्री अलग-अलग होने से कार्यों में रुकावट आती है। ऐसे विभागों को मर्ज करने की योजना है। कैबिनेट में सरसरी तौर पर मंथन भी हुआ है। निर्णायक फैसले में थोड़ा वक्त लग सकता है।
-दुष्यंत चौटाला, डिप्टी सीएम