चंडीगढ़, 25 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने प्रशासनिक सचिवों को कहा कि आगामी गर्मी के मौसम में निर्माण स्थलों और ईंट-भट्ठों आदि पर काम करने वाली महिलाओं, खासकर उनके छोटे बच्चों, मजदूरों और मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को लू से बचाने के लिए हर संबंधित विभाग द्वारा ऐसी योजना बनाई जाए, जिससे कि समाज के इन जरूरतमंद वर्गों को अधिक से अधिक राहत मिल सके। इसके अलावा, बुजुर्गों का भी विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्य सचिव आज यहां हीट वेव को लेकर की गई आवश्यक तैयारियों के सम्बन्ध में सभी संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों के साथ एक समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में मौसम विभाग के अधिकारी ने मई से जून तक हरियाणा में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना जताई है।
मुख्य सचिव प्रसाद ने कहा कि श्रम विभाग द्वारा मजदूरों और उनके बच्चों के लिए ऐसी योजना बनाई जाए जिससे कि उन्हें अधिक से अधिक राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा कामगार कल्याण बोर्ड के पास पर्याप्त बजट उपलब्ध है और राहत कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने ऐसे मजदूरों और उनके बच्चों के लिए धर्मशाला, सामुदायिक केन्द्र और क्रैच आदि की भी व्यवस्था करने के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था पर भी बल दिया।
जंगलों में आग की घटनाएं रोकने के लिए व्यवस्था
पर्यावरण, वन एवं वन्यप्राणी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द मोहन शरण ने बताया कि जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए मोरनी और कलेसर अग्निशमन प्रणाली को दुरुस्त किया गया है। इसके अलावा, विभाग द्वारा ऐसी घटनाओं की निगरानी के लिए दो नोडल अधिकारी भी लगाए गए हैं। बैठक में ऊर्जा और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने बताया कि गर्मी के मौसम के दृष्टिगत बिजली और पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा, प्रदेशभर में ऊर्जा संरक्षण के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है।
बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों पर बनेंगे ओआरएस कॉर्नर
बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने बताया कि विभाग ने आगामी गर्मी के मौसम को देखते हुए बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ओआरएस कॉर्नर बनाने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, अस्पतालों में लू और गर्मी से बचाव के लिए सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। सभी सिविल सर्जनों को अतिरिक्त धनराशि भी जारी की गई है ताकि जरूरत पड़ने पर वे इसका इस्तेमाल कर सकें। साथ ही, अस्पतालों में ठंडे स्थानों पर बैड भी लगाए गए हैं।