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सफीदों को जिला बनाने की उठी मांग, 40 सदस्यीय कमेटी गठित

रामकुमार तुसीर सफीदों, 22 दिसंबर हरियाणा प्रदेश में गोहाना सहित 4 नए जिले बनाने की चर्चाओं के बीच यहां सफीदों को जिला बनाने की मांग फिर उठने लगी है। रविवार को यहां रामलीला मैदान में सफीदों क्षेत्र के 40 लोगों...
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सफीदों को जिला बनाने की मांग को लेकर रविवार को बैठक करते निवासी। -निस
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रामकुमार तुसीर

सफीदों, 22 दिसंबर

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हरियाणा प्रदेश में गोहाना सहित 4 नए जिले बनाने की चर्चाओं के बीच यहां सफीदों को जिला बनाने की मांग फिर उठने लगी है। रविवार को यहां रामलीला मैदान में सफीदों क्षेत्र के 40 लोगों की एक विशेष बैठक हुई जिसमें सफीदों को जिला बनाने की मांग को लेकर संघर्ष करने का निर्णय लिया गया। इस मौके पर सर्वसम्मति से सफ़ीदों राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान सुभाष जैन को अध्यक्ष, लोकतंत्र सेनानी रामगोपाल अग्रवाल को संरक्षक, नगरपालिका के पूर्व कार्यकारी प्रधान मनोज दीवान को संयोजक, नरेश सिंह बराड़, परसराम वत्स, डा. सत्यवान सैन, श्यामलाल गुर्जर व राजेंद्र वशिष्ठ को उपाध्यक्ष, महासचिव संजीव गौत्तम को महासचिव, सचिव दीपक चौहान व हिमलेश जैन को सचिव, सहसचिव सुशील सैनी को सहसचिव, जयदेव माटा व एडवोकेट हरीश वशिष्ठ को कोषाध्यक्ष बनाया गया। रिंकू मलिक, कपिल शर्मा, दिलावर मलिक, संजीव बंसल, होशियार सिंह व सतीश बलाना को सदस्य लिया गया। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 29 दिसंबर को स्थानीय नागक्षेत्र परिसर में हलके भर के गणमान्य लोगों को आमंत्रित कर सुझाव लिए जाएंगे। आज की बैठक में लोकतंत्र सेनानी रामगोपाल अग्रवाल ने सफ़ीदों को जिला बनाने को तर्क देते हुए कहा कि सफीदों का महाभारतकालीन महत्व है औऱ इसके इलावा भी वर्ष 1966 में हरियाणा के गठन के समय प्रदेश में केवल सात जिले थे। बाद में सभी जिला को विभाजित करके नए जिले बना दिए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जींद जिला ही एकमात्र ऐसा जिला है जिसमें से कोई नया जिला नहीं बनाया गया। अग्रवाल ने कहा कि सफीदों को 1967 में तहसील का दर्जा दिया गया था। इससे भी बाद में बनी कई तहसीलों को जिला बना दिया गया है, लेकिन सफीदों आज तक उपेक्षित है। अग्रवाल व मनोज दीवान ने इस मौके पर सफ़ीदों को जिला बनाए जाने के पक्ष में कहा कि भूमिगत जलस्तर, पानी की गुणवत्ता, बहुमंजिली इमारतों के लिए उपयुक्तता, जमीन की उपलब्धता आदि के मामलों में जिला बनाया जाना सफ़ीदों का पहला हक है, लेकिन सत्ता की राजनीति में कमजोरी के चलते इसकी हमेशा उपेक्षा होती रही है लेकिन अब सरकार से उन्हें पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जरूर उनकी मांग पूरी करेंगे।

पहले भी कई बार आंदोलन कर मांगा जिले का दर्जा

इससे पहले भी वर्ष 2011 से जब-जब प्रदेश में गोहाना को नया जिला बनाने की चर्चाएं चली तब तब सफीदों को गोहाना में मिलाने की बजाय खुद सफीदों को जिला बनाए जाने की मांग उठी। इसके लिए लोगों ने आंदोलन भी किया। मार्च 2011 में सफीदों बचाओ संघर्ष समिति के बैनर के साथ लोगों ने सफीदों को जिला बनाए जाने की मांग के साथ नगर में प्रदर्शन किया। इसके बाद वर्ष 2016 में जब गोहाना को जिला बनाने की चर्चाएं फिर चली तब अप्रैल 2016 में मनोहर लाल खट्टर की भाजपा सरकार में सफीदों को जिला बनाए जाने की मांग की। इस मौके पर यहां के विधायक कलीराम पटवारी ने भी हलके की इस मांग को नजरअंदाज किए जाने पर आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी थी। आज कलीराम पटवारी भाजपा में सक्रिय हैं। फरवरी 2018 में फिर गोहाना को जिला बनाए जाने की चर्चाएं हुई तब फिर हरियाणा बचाओ संघर्ष समिति के बैनर के साथ लोगों ने सफीदों को जिला बनाए जाने की मांग की और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। समिति के अध्यक्ष तब कर्मवीर सैनी थे जो आज भाजपा की सरकार में कनफेड के अध्यक्ष हैं।

सफीदों में है नगरपािलका

गोहाना उपमंडल में सफ़ीदों से ज्यादा 83 गांव हैं। गोहाना में नगर परिषद है जबकि सफ़ीदों में नगरपालिका। यहां नगरपालिका की सीमा का विस्तार कराते हुए इसे सहज ही नगरपरिषद का स्तर दिया जा सकता है लेकिन सफ़ीदों को जिला बनवाने की 12 साल से भी ज्यादा लंबी लड़ाई में इस दृष्टि से सफ़ीदों को मजबूत बनाने का प्रयास तक नहीं किया गया।

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