चंडीगढ़, 14 जुलाई (ट्रिन्यू)
भाजपा-जजपा सरकार ने हरियाणा को आर्थिक संकट की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। महज ढाई करोड़ की आबादी वाले प्रदेश पर आज 3,24,448 करोड़ रुपए कर्ज हो गया है। सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि इतना कर्ज क्यों लेना पड़ा और यह कहां खर्च हुआ। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ स्थित आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों ने प्रदेश को कर्ज के दलदल में डूबा दिया है।
हुड्डा ने कहा, 2014 से पहले प्रदेश पर जीएसडीपी का 16% कर्ज था जो आज बढ़कर 27.8% हो गया है। स्टेट लायबिलिटीज में भी 3.13 गुना की बढ़ोतरी हुई है। जबकि भाजपा और भाजपा-जजपा सरकार के पूरे कार्यकाल के दौरान हरियाणा में कोई बड़ी परियोजना लागू नहीं हुई, ना ही कोई मेडिकल कॉलेज, एम्स या विश्वविद्यालय बना, ना ही कोई रेलवे या मेट्रो लाइन आई। हुड्डा ने पंचकूला में बने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) का उदाहारण देते हुए कहा कि यह कांग्रेस सरकार का प्रोजेक्ट है।
मौजूदा सरकार ने सिर्फ इसको लटकाने और फीता काटने का काम किया है। इसी तरह पिछले 8 साल में जो भी परियोजनाएं हरियाणा में स्थापित हुईं, वो कांग्रेस कार्यकाल में मंजूर व शुरू हुई थीं। बावजूद इसके इस सरकार को इतना कर्ज लेने की जरूरत क्यों आन पड़ी? हुड्डा ने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार का प्रदेश की अर्थव्यवस्था की तरफ कोई ध्यान नहीं है। सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ घपले घोटालों को अंजाम देने और उनको दबाने में लगा है। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सबसे जरूरी है निवेश। प्रदेश में निवेश तभी आएगा जब यहां पर कानून व्यवस्था बेहतर और सुरक्षित माहौल होगा।
2005 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद उसने कानून व्यवस्था को सुधारा और हरियाणा से सभी गैंगस्टर्स का सफाया किया। प्रदेश में सुरक्षित माहौल बनने का नतीजा रहा कि हरियाणा निवेशकों की पहली पसंद बन गया। उस वक्त जापान का 70% निवेश अकेले हरियाणा के गुड़गांव में हुआ था। लेकिन आज स्थिति विपरीत है। अपराधियों के डर से निवेशक हरियाणा के बजाय अन्य राज्यों का रुख कर रहे हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बार-बार मांग करने के बाद अब जाकर प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने का फैसला लिया है। लेकिन इसमें जातिगत जनगणना के प्रावधान का कहीं कोई जिक्र नहीं है। जातिगत जनगणना होनी अनिवार्य है जिससे पता चल सके कि किस वर्ग के लोगों की जनसंख्या कितनी है। लेकिन सरकार यह मांग मानने को तैयार नहीं है। सरकार लगातार दलित व पिछड़ों के विरुद्ध फरमान निकाल रही है।
बड़े मगरमच्छों को बचा रही सरकार…
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था, बढ़ते भ्रष्टाचार और आंदोलनों पर तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई के विरुद्ध कांग्रेस की तरफ से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है। क्योंकि गठबंधन घोटालों की सरकार बन गया है। धान खरीद, शराब, रजिस्ट्री, नौकरियों की खरीद-फरोख्त से लेकर फार्मेसी काउंसिल तक दर्जनों बड़े-बड़े घोटाले हो चुके हैं। लेकिन छोटी मछलियों पर खानापूर्ति की कार्रवाई कर बड़े मगरमच्छों को बचा लिया जाता है। सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने पर आंदोलनकारियों के खिलाफ बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की जाती है। इसका एक उदाहरण हिसार के खेदड़ में भी देखने को मिला। यहां पावर प्लांट की राख गौशाला को देने की जायज मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों पर पुलिसिया लाठीचार्ज करवाया गया।