ललित शर्मा/जीत सैनी
कैथल/गुहला चीका, 14 जुलाई
गुहला चीका में चौथे दिन भी घग्गर लोगों को घाव देती रही। हालत ये हैं लोग शव को लेकर किश्ती में लिए घूमते रहे। श्मशानघाट पानी से लबालब होने के चलते लोगों को मजबूरन सड़क किनारे अपनों का दांह संस्कार करना पड़ा। जलभराव के चलते कुछ लोग अपना घर छोड़कर चले गए। बाढ़ के पानी में बहकर आए सांप भी लोगों का दिल दहला रहे हैं। पीछे से पानी के बढ़ते दबाव को न झेल पाने के चलते घग्गर नदी व आसपास गांवों के कई बांधों में कटाव आ गए। अंटा हेड नहर की बनी टो-वाल भी पानी को झेलती रही परंतु दबाव इतना ज्यादा था कि कुछ ही समय बाद टो वाल भी जगह-जगह से टूट गई और पानी के तेज बहाव ने चीका शहर की ओर रुख कर लिया, जिसके चलते शहर की कई कालोनियां पानी में डूब गई। इनमें आर-4, डेरा भाग सिंह, मिया बस्ती, हंस नगर, बागड़ी लुहार, डेहा बस्ती, सब्जी मंडी, महावीर दल, मदर प्राइड स्कूल, एसडी स्कूल छोटी मंडी, बड़ी मंडी व भावलपुर आदि में पानी घुसने लगा। पानी घुसता देख लोगों में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया और अपनी-अपनी कालोनियों को बचाने के लिए लोगों ने पानी निकासी के लिए रास्तों पर कट लगाना शुरू कर दिया। इस बीच आज पौ फटते ही सेना ने मोर्चा संभालते ही हेलिकॉप्टर की मदद से सबसे पहले राहत सामग्री गिराई ताकि लोगों को भोजन, पानी व दवा आदि उचित मात्रा में मिल सके।
50 को रेस्क्यू कर बाहर निकाला
सेना के जवानों ने आईटीबीटी के जवानों व स्थानीय समाजसेवकों के सहयोग से बाढ़ में फंसे करीब 50 लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। बाहर निकाले गए लोगों में बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे व कुछ बीमार लोग भी शामिल थे। घग्गर का जलस्तर शुक्रवार को एक फुट उतर गया, लेकिन पानी अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। बिगड़े हुए हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने चीका में धारा 144 लागू कर दी है। एनडीआरएफ की टीम के साथ सेना के जवान भी राहत और बचाव के कार्य में लगे हुए हैं।