दामला के धर्मबीर की मशीन 18 देशों में हो रही इस्तेमाल
नाभ सिंह मलिक/निस
रादौर, 18 मई
रादौर के गांव दामला के धर्मबीर कंबोज की बनाई मल्टी पर्पज फूड प्रोसेसिंग मशीन पर अब हरियाणा सरकार 80 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी। 10वीं पास धर्मबीर कंबोज की बनाई यह मशीन 18 देशों में फूड प्रोसेसिंग के उपयोग में लाई जा रही है। धर्मबीर ने बताया कि वे आर्थिक तंगी के कारण केवल 10वीं तक ही पढ़ पाए। परिवार की मदद के लिए वे 1980 के दशक में दिल्ली चले गए। वहां उन्होंने रिक्शा तक चलाया। हालांकि एक दुर्घटना के बाद वे वापस गांव लौट आए। उन्होंने अपनी पुश्तैनी 2 एकड़ जमीन में से 1 एकड़ पर एलोवेरा और तुलसी की खेती शुरू की। दिल्ली में काम करते हुए उन्होंने औषधीय खेती के बारे में सुना था। जब उन्होंने अपनी उपज बेचने की कोशिश की तो उचित दाम नहीं मिले। आखिरकार उन्होंने खुद ही फसलों की प्रोसेसिंग करने की सोची।
धर्मबीर ने बताया कि उन्होंने खुद ही मशीनें डिजाइन करने का फैसला लिया। बागवानी विभाग ने भी 25 हजार रुपये की मदद की तो उन्हाेंने गुलाब जल निकालने वाली मशीन तैयार की। उन्होंने इसी मशीन में और डाई का प्रयोग करके इसे मल्टी पर्पज बना दिया। इस मशीन पर प्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने से अब किसानों और स्वयं सहायता समूह इसे आसानी से खरीद पाएंगे। 2 लाख रुपये कीमत की यह मशीन अब किसानों को आधे दाम पर ही उपलब्ध होगी। धर्मबीर कंबोज ने बताया कि उन्होंने 2007 में मल्टी पर्पज फूड प्रोसेस मशीन बनाई। उनकी बनाई मशीन का पता जब अहमदाबाद के नेशनल इनोवेशन संस्थान को चला तो उन्होंने इस मशीन को आधुनिक बनाने में मदद की। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भी वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई। इसके बाद भारत समेत इटली, अमेरिका, केन्या, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, जिम्बाव्वे युगांडा और नाइजीरिया में उनकी मशीन जाने लगी।
2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था सम्मानित
धर्मबीर कंबोज ने बताया कि उन्होंने अपने फार्म पर ही धर्मबीर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाकर मशीनें बनाने का काम शुरू किया हुआ है। हर महीने करीब 10 मशीनें तैयार कर देते हैं। इन मशीनों को चलाने का प्रशिक्षण भी फार्म पर 2 दिनों तक दिया जाता है, ताकि किसान को मशीन चलाने में कोई समस्या न आए। धर्मबीर ने बताया कि इस मल्टी पर्पज फूड प्रोसेस मशीन से किसी भी फल का जूस बिना बीज पिसे निकाला जा सकता है, इससे जूस कड़वा नहीं होता। इसके अलावा मशीन से पिसाई, मिश्रण करने, तेल निकालने, गुलाब जल निकालने, एलोवेरा जैल निकालने, भुने हुए चने व छोले बनाने, आलू, गाजर, अदरक, हल्दी, लहसुन और प्याज को छीलने का काम भी कुछ ही सेकेंड में किया जा सकता है। इसके अलावा इस मशीन में दूध से खोया बनाने और गाजर का हलवा भी बिना जले बड़ी आसानी से बनाया जा सकता है। इस मशीन से वे आंवला मुरब्बा, कैंडी, साबुन, जैल, जूस, औषधीय अर्क और होली के लिए गुलाल तक तैयार कर रहे है । धर्मबीर को उनके अभिनव कार्य के लिए भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 2013 में सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपनी बहुउद्देशीय मशीनों के कारण कईं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।