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प्रदेश में अभी 9 महिला विधायक, आगे चलकर बन सकती हैं 42

परिसीमन में विधानसभा की सीटें बढ़कर 117 या 126 होने के आसार
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दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 19 सितंबर

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केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण के नारी शक्ति वंदन विधेयक का हरियाणा को सबसे अधिक फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय राजधानी– नयी दिल्ली से सटा होने के बावजूद हरियाणा विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम रहता है। 1967 में हरियाणा विधानसभा के पहले चुनाव से लेकर 2019 तक केवल 2014 में ही पहला ऐसा मौका था जब सर्वाधिक 13 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंची थीं। मौजूदा विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस व जजपा की कुल 9 महिला विधायक हैं।

बेशक, महिला आरक्षण अभी लागू नहीं होगा। हरियाणा सरकार पहले से ही परिसीमन के हिसाब से तैयारियां करने में जुटी है। इस बार के परिसीमन में हरियाणा में लोकसभा व विधानसभा की सीटें बढ़नी तय हैं। वर्तमान में प्रदेश में लोकसभा की 10 और विधानसभा की 90 सीट हैं।

लोकसभा की सीटें बढ़कर 13 या 14 होने का अनुमान है। अगर सीटें 13 होती हैं तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या 117 हो जाएगी। इसी तरह लोकसभा की सीटें 14 होने की स्थिति में 126 विधायक चुने जाएंगे।

इस तरह बढ़ेगी संख्या

वर्तमान में 90 सदस्यों वाली विधानसभा के हिसाब से देखें तो 30 महिलाएं विधानसभा में पहुंच सकेंगी। अगर सीटों की संख्या बढ़कर 117 होती है तो 39 और 126 होती है तो 42 महिलाओं को विधानसभा पहुंचने का अवसर मिलेगा। वहीं लोकसभा की 10 सीटों के लिहाज से तीन, 13 के हिसाब से चार और 14 के हिसाब से पांच महिलाओं का संसद में पहुंचना तय हो जाएगा।

पंचायतों में 50% आरक्षण

हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया हुआ है। पंचायती राज संस्थाओं के पिछले साल हुए चुनावों से इस आरक्षण को लागू किया जा चुका है। हालांकि शहरी स्थानीय निकायों लेकर अभी खट्टर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है।

नारी शक्ति वंदन विधेयक का मैं स्वागत करती हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा नारी सशक्तीकरण की बात की है। महिलाओं को राजनीतिक रूप से भी सशक्त करना है। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 साल बाद भी भारतीय नारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पीछे छूट गई। अब हमारी सरकार द्वारा महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के माध्यम से नयी ऊर्जा देने का काम किया जा रहा है।
-कमलेश ढांडा, महिला एवं बाल विकास मंत्री
नारी शक्ति वंदन विधेयक से आधी आबादी को वास्तविकता में उनका हक मिलेगा। वे समाज की मुख्यधारा में बराबरी पर आकर खड़ी होंगी। यह विधेयक कांग्रेस की डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने राज्यसभा से पास करवा लिया था। महिलाओं के लिए बेहतर होता कि इस विधेयक को जल्दी पारित करवाकर तत्काल लागू किया जाता। इससे वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में महिलाओं को लाभ मिलता।
-किरण चौधरी, पूर्व मंत्री व तोशाम विधायक
एक पंजाबी फिल्म, जिसका नाम गोडे-गोडे चा है। इस फिल्म की थीम है कि महिलाओं को बारात में जाने की इजाजत नहीं है। वे जाने के लिए संघर्ष करती हैं और सफल होती हैं। आज देश की संसद व विधानसभा में एक तिहाई महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिल रहा तो समझा जा सकता है कि कितना बड़ा बदलाव है। आधी आबादी के लिए यह एक क्रांति है। ये ख़ुशी गोडे-गोडे चा से कम नहीं है। शुरुआत तो कई बार हुई, लेकिन सिरे चढ़ाना पीएम मोदी के सिवाय किसी के बस की बात नहीं है।
-ओमप्रकाश धनखड़, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

महिला आरक्षण को कई साल आगे धकेला

महिला आरक्षण बिल प्रधानमंत्री मोदी का एक और जुमला है। उनकी सरकार 2024 तक है लेकिन ऐसा बिल पेश किया है कि 2024 तक महिलाओं को आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं होने वाला है। यह 'महिला बेवकूफ बनाओ बिल' है। मोदी सरकार ने साजिश के तहत लोकसभा व विधानसभा में महिला आरक्षण को सालों आगे धकेल दिया। प्रधानमंत्री मोदी बिना सोचे समझे नोटबंदी कर सकते हैं, एकाएक लॉकडाउन लगा सकते हैं। आधी रात को जीएसटी लागू कर सकते हैं, लेकिन महिला आरक्षण लागू करने के लिए सालों बाद का प्रावधान क्यों किया। इससे साफ नजर आ रहा है कि भाजपा महिला विरोधी सरकार है।

- अनुराग ढांडा,

सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, आप

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