सीआरएसयू पर आंतरिक मूल्यांकन के अंक देने में भेदभाव का आरोप
जींद (जुलाना), 21 मई (हप्र)
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) पर आंतरिक मूल्यांकन के अंक देने में छात्रों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा है। बुधवार को किसान छात्र एकता संगठन ने विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक विशाल वर्मा से मुलाकात की और आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) के अंकों में हो रहे स्पष्ट भेदभाव को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। संगठन ने डीन को कुलपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता लागू करने की मांगों का विवरण दिया। संगठन ने प्रमुख रूप से माग की कि सभी छात्रों के अंक नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए जाएं, ताकि यदि किसी छात्र को अपने अंकों पर आपत्ति हो तो वह अपना पक्ष रख सके और न्याय की लड़ाई लड़ सके। साथ ही अंकों से जुड़ी जानकारी देने की तय तारीख को बढ़ाने का भी आग्रह किया गया, ताकि सभी छात्रों को उचित समय मिल सके।
संगठन के अध्यक्ष सुमित लाठर ने बताया कि विश्वविद्यालय के कई विभागों में इंटरनल असेसमेंट को लेकर छात्रों को धमकाया जा रहा है। जब छात्र अपने अंक पूछते हैं या पुनर्मूल्यांकन की बात करते हैं तो उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की जाती है, जो छात्रों के आत्मसम्मान पर आघात है। इसके अतिरिक्त संगठन ने रजिस्ट्रार प्रो. लवलीन मोहन से भी मुलाकात कर ग्रामीण, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के साथ हो रहे अन्याय पर चिंता जताई। सुमित लाठर ने कहा कि आज तक हमें किसी भी स्तर पर पारदर्शिता नजर नहीं आई है। प्रभावशाली परिवारों से आने वाले छात्रों को, जो कभी कक्षा में दिखाई भी नहीं देते, 20 में से 19 या पूरे अंक दे दिए जाते हैं। जबकि दूसरी तरफ जो छात्र रोज कक्षा में बैठते हैं और पढ़ाई को गंभीरता से लेते हैं, उनके अंक जानबूझकर काटे जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसान छात्र एकता संगठन ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो संगठन कुलपति कार्यालय के सामने पुतला फूंका जाएगा। प्रमुख विभागों के चेयरपर्सनों के ऑफिस पर ताले जड़ दिए जाएंगे और रोज धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। मौके पर नवरत्न माथुर, प्रथम, गोविंद सैनी, साहिल नरवाल, नवीन मौजूद रहे