नरेन्द्र ख्यालिया/निस
हिसार, 9 अप्रैल
सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों से अनुभव लेकर पीजीटी पदों पर भर्ती किए गए शिक्षकों के लिए आज कोर्ट से खतरे की घंटी बजती दिखाई दे रही है, जिसके लिए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए 2
सप्ताह में जवाब मांगा है। यहां बताना होगा कि 2012 में तत्कालीन सरकार द्वारा पीजीटी शिक्षकों के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिसमें सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों से 4 वर्ष का टीचिंग अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को भी मौका दिया गया था, किंतु भर्ती होने उक्त अभ्यर्थियों को अप्रैल 2015 तक हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) करने की छूट दी गई थी। किंतु इसके बाद भी इस भर्ती के माध्यम से शिक्षक अनुभव के आधार पर भर्ती हुए करीबन 4 हजार शिक्षक एचटेट उत्तीर्ण नहीं कर पाए। सरकार ने राहत देते हुए इस छूट को एक अप्रैल 2018 तक बढ़ा दिया था लेकिन फिर भी कई शिक्षक निर्धारित तिथि तक एचटेट पास नहीं कर पाए।
सरकार ने फिर छूट देने की घोषणा करते हुए एक और मौका दिया और छूट को 1 अप्रैल, 2022 कर दिया था। इस मामले से आहत होकर प्रतीक्षा सूची में बैठे सतवेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट का रुख किया, जिसकी आज सुनवाई हुई।
मामले में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा दी गई छूट पर नाराजगी जताते हुए कहा कि क्यों न इस पर रोक लगाई जाए।