पटना/डेहरी, 25 मई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर शनिवार को तीखा हमला करते हुए उस पर मुस्लिम वोट बैंक के लिए ‘गुलामी’ और ‘मुजरा’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन उन लोगों के समर्थन पर भरोसा कर रहा है जो ‘वोट जिहाद’ में लिप्त हैं। पाटलिपुत्र और काराकाट संसदीय क्षेत्र में अलग-अलग रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘बिहार वह भूमि है जिसने सामाजिक न्याय की लड़ाई को एक नई दिशा दी है। मैं इस प्रदेश की भूमि पर यह घोषणा करना चाहता हूं कि मैं एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों को लूटने और उन्हें मुसलमानों को देने की ‘इंडिया’ गठबंधन की योजनाओं को विफल कर दूंगा। वे गुलाम बने रह सकते हैं और अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए मुजरा कर सकते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया, जिसमें कई मुस्लिम समूहों को ओबीसी की सूची में शामिल करने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले को रद्द कर दिया गया है। मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बगैर कहा, ‘एलईडी बल्ब के युग में वे ‘लालटेन’ (राजद का चुनाव चिह्न) लेकर घूम रहे हैं, जिससे केवल उनका घर रोशन होता है और पूरे बिहार को अंधेरे में रखा जाता है।’
मोदी ने कहा कि भारत को एक ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत है जो विश्व मंच पर देश की ताकत के साथ न्याय कर सके। लेकिन ऐसा लगता है कि ‘इंडिया’ गठबंधन शीर्ष पद के साथ ‘म्यूजिकल चेयर’ खेलने पर आमादा है। मोदी ने कहा, चार जून शाम होते ही राजद वाले कहेंगे, ये कांग्रेस ने लुटिया डुबो दी। एक-दूसरे के कपड़े फाड़ना शुरू कर देंगे।
मुखिया को कभी आंखों की शर्म नहीं खोनी चाहिए : प्रियंका
गोरखपुर (एजेंसी) : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार में दिये गये भाषण पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि परिवार के मुखिया को कभी आंखों की शर्म नहीं खोनी चाहिए। गोरखपुर में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा, ‘मोदी जी ने बिहार में भाषण दिया और विपक्ष के नेताओं के लिए ऐसे-ऐसे शब्द बोले जो देश के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री ने नहीं बोले होंगे।’ कांग्रेस महासचिव ने प्रसिद्ध संत बाबा गोरखनाथ की एक रचना ‘मन में रहिबा, भेद न करिबा बोलबा अमृतवाणी…’ सुनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पद का पूरा देश आदर करता है, हम भी आदर करते हैं।… क्या प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह पद की गरिमा रखें, पद की मर्यादा रखें।