हरियाणा में कांग्रेस सिम्बल पर लड़ेगी निकाय चुनाव, परिषद-पालिका पर फैसला नहीं
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 फरवरी
हरियाणा के विधानसभा चुनावों में मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस का अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से भरोसा उठ गया है। प्रदेश में होने वाले शहरी स्थानीय निकाय – नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से करवाने की मांग कांग्रेस ने उठाई है। इस मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से भी मुलाकात करेगा।
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने नगर निगमों में मेयर तथा निगम पार्षदों के चुनाव पार्टी सिम्बल पर लड़ने का निर्णय लिया है। नगर परिषद और नगर पालिका में चेयरमैन/अध्यक्ष के भी डायरेक्ट चुनाव होंगे लेकिन कांग्रेस ने परिषद और पालिका पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। निकाय चुनाव की तैयारियों व रणनीति को लेकर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बड़ी बैठक शुक्रवार को नयी दिल्ली में हुई। प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान ने बैठक की अध्यक्षता की। बैलेट पेपर पर चुनाव की मांग को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह से मुलाकात का समय लेने के लिए प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान को अधिकृत किया है। इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा तथा राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल नहीं हुए। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा मामलों के सह-प्रभारी जितेंद्र बघेल व प्रफुल्ल पटेल, रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा, सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, हिसार सांसद जयप्रकाश ‘जेपी’ व अंबाला सांसद वरुण चौधरी बैठक में
मौजूद रहे।
बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पूर्व स्पीकर व थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व शिक्षा मंत्री व झज्जर विधायक गीता भुक्कल, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष सुरेश मतलौडा, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल, पूर्व मंत्री व नूंह विधायक आफताब अहमद, रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा, कलानौर विधायक शकुंतला खटक और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव राव दान सिंह सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। बैठक में आपसी विचार-विमर्श के बाद तय किया गया कि निगम में मेयर व पार्षदों के चुनाव कांग्रेस अपने सिम्बल पर लड़ेगी।
इससे पहले भी कांग्रेस ने निगम के चुनाव सिम्बल पर लड़े थे। लेकिन नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव सिम्बल पर लड़ने की हिम्मत कांग्रेस पूर्व में भी नहीं जुटा पाई थी।
उत्तराखंड में निकाय चुनाव बैलेट पेपर पर हो सकते हैं तो हरियाणा में क्यों नहीं : दीपेंद्र हुड्डा
मीटिंग के बाद रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि निकायों के चुनाव ईवीएम मशीनों की बजाय बैलेट पेपर पर करवाए जाने चाहिए। दीपेंद्र ने ईवीएम की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें धांधली होनी तय है। उत्तराखंड का हवाला देते हुए दीपेंद्र ने कहा कि वहां भी निकाय चुनाव बैलेट पेपर पर हुए हैं। ऐसे में हरियाणा में भी बैलेट पेपर पर चुनाव होने चाहिए। पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा ने कहा कि नगर परिषद और नगर पालिका के चुनावों का फैसला हरियाणा मामलों के दोनों सह-प्रभारियों पर छोड़ा है। बैठक में निकायों में आरक्षण वर्गीकरण के दौरान अनुसूचित जाति की सीटों को घटाने पर भी आपत्ति जताई गई। इस बारे में भी राज्य चुनाव आयोग को शिकायत करने पर सहमति बनी है।
बैठक में शामिल नहीं हुईं कुमारी सैलजा
पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव पार्टी सिम्बल पर लड़ने की पक्षधर रही हैं। वे प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए भी इसकी वकालत करती रही हैं। हालांकि शुक्रवार की बैठक में वे शामिल नहीं हुईं। कांग्रेस नेताओं का मूड नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव सिम्बल पर लड़ने का नहीं दिखा। ऐसे में कांग्रेस अपने समर्थकों को नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव अपने हिसाब से लड़ने के लिए स्वतंत्र छोड़ सकती है। पार्टी नेताओं को लगता है कि परिषद और पालिका के चुनाव सिम्बल पर लड़ने से राजनीतिक तौर पर नुकसान हो सकता है।