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अभी मैदान में नहीं आएंगे कांग्रेसी योद्धा, भाजपा का इंतजार करेगी कांग्रेस

छह सीटों पर उम्मीदवार दे चुकी भाजपा, 4 पर जल्द होगी घोषणा
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 20 मार्च

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हरियाणा में कांग्रेस के चुनावी योद्धाओं को मैदान में आने में अभी और भी वक्त लग सकता है। केंद्रीय चुनाव समिति ने हरियाणा की सीटों पर अभी तक मंथन भी शुरू नहीं किया है। पार्टी नेता राहुल गांधी इस बार लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा दो से तीन महीने पहले करने की बात कह चुके हैं लेकिन हरियाणा में ऐसा होता संभव नजर नहीं आ रहा है। बताते हैं कि कांग्रेस अभी भाजपा के उम्मीदवारों का इंतजार कर रही है।

हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से दस में से छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। रोहतक और हिसार के उम्मीदवार लगभग तय हो चुके हैं तथा सोनीपत व कुरुक्षेत्र संसदीय सीट पर मंथन अंतिम चरण में है। राज्य में अभी तक लोकसभा के कुल 8 उम्मीदवार चुनावी रण में आ चुके हैं। भाजपा के छह के अलावा इनेलो ने अभय चौटाला को कुरुक्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के बीच हुई चुनावी समझौते के तहत डॉ. सुशील गुप्ता कुरुक्षेत्र से गठबंधन प्रत्याशी हैं।

टिकट आवंटन में देरी करना कांग्रेस का पुराना कल्चर है। इससे पार्टी बाहर नहीं निकल पा रही है। हालांकि इसका नुकसान भी कई बार उठाना पड़ा है लेकिन कांग्रेसी न तो इस ‘संस्कृति’ से निकलना चाह रहे हैं और न ही उनकी इस तरह की कोशिशें नज़र आती हैं। कांग्रेसियों द्वारा इस बात का इंतजार किया जा रहा है कि भाजपा सभी दस सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दे ताकि उनके हिसाब से जातिगत समीकरण बैठाकर कांग्रेस अपने हिस्से की 9 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर सके। भाजपा ने करनाल से पूर्व सीएम मनोहर लाल को, अंबाला से पूर्व सांसद स्व. रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया, भिवानी-महेंद्रगढ़ से धर्मबीर सिंह, गुरुग्राम से राव इंद्रजीत सिंह, फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्जर को तथा सिरसा से मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट काटकर पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर को टिकट दिया है। मनोहर लाल के करनाल से प्रत्याशी बनने के बाद कांग्रेस के समीकरण बिगड़ गए हैं। इस सीट पर कांग्रेस को नये सिरे से मंथन करना पड़ रहा है।

सूत्रों का कहना है कि रोहतक से मौजूदा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा की टिकट लगभग फाइनल हो चुकी है। अंदरखाने पार्टी उन्हें चुनाव की तैयारी करने के लिए भी कह चुकी है। शुरूआती दौर में अरविंद शर्मा की टिकट कटने के आसार बन रहे थे लेकिन मनोहर लाल के करनाल से आने के बाद रोहतक के भी समीकरण बदल गए। ऐसे में पार्टी का मन अरविंद पर ही आकर टिका। इसी तरह से हिसार से पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम प्रत्याशी के तौर पर लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि घोषणा होने तक अधिकारिक तौर पर कोई इसकी पुष्टि नहीं कर रहा।

भाजपा से जुड़े जानकारों का कहना है कि पार्टी ने सोनीपत से भी ब्राह्मण उम्मीदवार को उतारने का मन बना लिया है। योगेश्वर दत्त के अलावा राई के विधायक मोहनलाल बड़ौली का नाम यहां के लिए चला। अब अचानक पार्टी के वरिष्ठ नेता शशिकांत शर्मा का नाम सामने आया है। शशिकांत ने 2019 में समालखा हलके से भाजपा टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। बताते हैं कि सोनीपत को लेकर अभी भी पार्टी में मंथन चल रहा है। यही स्थिति कुरुक्षेत्र सीट पर बनी हुई है। यहां से वैश्य कोटे से टिकट दिए जाने पर भी मंथन चल रहा है।

भाजपा के समीकरण भी गड़बड़ाये

कुरुक्षेत्र से कांग्रेस-आप गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर सुशील गुप्ता और इनेलो से अभय चौटाला के चुनावी मैदान में आने से भाजपा के भी समीकरण गड़बड़ाए हैं। यही कारण हैं कि भाजपा ने कुरुक्षेत्र से ब्राह्मण प्रत्याशी पर भी अंदरखाने मंथन शुरू कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयभगवान शर्मा ‘डीडी’ का नाम चर्चाओं में आया है। 2019 में कुरुक्षेत्र से जजपा टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके जयभगवान शर्मा का इस एरिया में अच्छा प्रभाव माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि इसी वजह से पार्टी यहां ब्राह्मण उम्मीवार पर चर्चा करने लगी है। इस सीट पर किसी वैश्य उम्मीदवार को उतारने पर भी मंथन चल रहा है। वैश्य कोटे से अंबाला सिटी विधायक असीम गोयल का नाम भी चर्चाओं में आया था, लेकिन उनके राज्य मंत्री बनने के बाद उनके नाम की चर्चा अब बंद हो गई है।

जजपा-इनेलो में भी चल रहा मंथन

वहीं दूसरी ओर जजपा और इनेलो में भी लोकसभा चुनावों को लेकर मंथन चल रहा है। इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला खुद कुरुक्षेत्र से चुनावी रण में उतर चुके हैं। हालांकि इस पर बड़ा संशय है कि इनेलो इस बार सभी दस सीटों पर चुनाव लड़ेगा। ऐसी ही स्थिति जजपा की है। जजपा का मुख्य फोकस हिसार, भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर अधिक है। हालांकि दुष्यंत करनाल से भी प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में जजपा भी तीन से चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है।

केवल दीपेंद्र ने शुरू किया प्रचार

कांग्रेस को 9 संसदीय सीटों पर अपने प्रत्याशी देने हैं। अभी तक राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा अकेले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने रोहतक संसदीय क्षेत्र में प्रचार शुरू किया हुआ है। दीपेंद्र काफी पहले से एक्टिव हो चुके हैं। यहां से जीत की हैट्रिक लगा चुके दीपेंद्र 2019 के चुनावों में भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा के मुकाबले करीब 7 हजार मतों से चुनाव हारे थे। बाकी आठ संसदीय सीटों पर कोई भी नेता इसलिए एक्टिव नहीं है क्योंकि अभी तक टिकट को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

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