अम्बाला, 15 जून (नस)
आर्य गर्ल्ज कॉलेज के हिन्दी विभाग और हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा कबीर जयंती के अवसर पर ‘कबीर दोहा लेखन प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. संध्या गौतम ने सरस्वती वंदना से किया। उन्होंने कहा कि कबीर जयंती पर कबीर दोहा लेखन प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्राओं को कबीर साहित्य से परिचित करवाना तथा उनमें मानवीय मूल्यों का विकास करते हुए समाज सेवा के लिए प्रेरित करना है। प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य ने कहा कि कबीर लेखन का समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। उनका साहित्य समाज को दिशा देता रहा है और निरंतर देता रहेगा। उन्होंने जिंदगी जीने के नियम अपने दोहों के जरिये बताए जो आज भी उतने ही कारगर हैं जितने उस वक्त थे। अतः हमें उनके जीवन और लेखन से हमेशा प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर प्रो. ममता जैन ने कबीर दास की साखी ‘काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय होएगी बहुरि करेगा कब’ के माध्यम से बताया कि हमें अपने काम को समय पर करना चाहिए और आलस का त्याग करना चाहिए।
डॉ. अनीता गोदारा व डॉ. सुनीता देवी ने भी कबीरदास की साखियाें का उच्चारण किया। प्रतियोगिता में लगभग 35 छात्राओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अंजलि, बी.कॉम द्वितीय, उत्पलाक्षी, बी.कॉम प्रथम, द्वितीय पुरस्कार रजमीत कौर, बी.ए. प्रथम वर्ष, सृष्टि बी.ए. तृतीय वर्ष, तृतीय पुरस्कार शोभा, बी.कॉम, द्वितीय वर्ष, मोनिका बी.ए. द्वितीय वर्ष तथा सांत्वना पुरस्कार कमलप्रीत कौर, बी.ए. प्रथम वर्ष, शुभनीत कौर, बी.ए. द्वितीय वर्ष को दिया गया।