गुरुग्राम, 12 जून (निस)
अपने गठन के बाद पहली बार गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण की अग्निपरीक्षा होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की चेतावनी और अधिकारियों को फटकार के बाद जिला प्रशासन, जीएमडीए, नगर निगम के साथ शहर में किसी भी तरह जलभराव न हो, इसकी कोशिशों में लगा है। युद्ध अभ्यास के तौर पर गुरुग्राम शहर में एक प्रभावी जल निकासी नेटवर्क सुनिश्चित करने के लिए कई स्थानों पर मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन की सफाई और गाद निकालने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं।
बरसात के मौसम में नींद से जागा प्रशासन
अब जबकि बरसात का मौसम शुरू हो गया है। लंबे समय तक सोते रहने के बाद प्रशासनिक अधिकारी जलभराव न हो इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। दरअसल मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकारने के बाद चेतावनी दी है कि गुरुग्राम में जलभराव न हो, प्रशासनिक अधिकारी बैठक करने और आदेश पर आदेश जारी कर रहे हैं। इन आदेशों के अंतर्गत मंगलवार को 39वीं कोर प्लानिंग सेल की बैठक में द्वारका एक्सप्रेसवे और ग्राम धरमपुर के पास 1.4 किलोमीटर लंबे लेग-2 करियर ड्रेन की सफाई और गाद निकालने के प्रस्ताव की सिफारिश की गई। जिसे जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने मंजूरी दे दी है। उन्होंने इस कार्य के संदर्भ में आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
यहां चलेगा सफाई अभियान
जीएमडीए अधिकारियों ने एक युद्ध स्तर पर काम छोड़ते हुए – सेक्टर डिवाइडिंग रोड 47/49 पर 1.2 किलोमीटर लंबी ड्रेन, सुभाष चौक से मार्बल मार्केट तक 2 किमी लंबी ड्रेन, वाटिका चौक से शीशपाल विहार तक 1.7 किलोमीटर लंबी ड्रेन, शीशपाल विहार से टिकरी गांव तक 420 मीटर लंबे नाले और टिकरी गांव से सुभाष चौक तक 900 मीटर लंबे नाले की गाद निकालने की परियोजनाएं प्रगति पर हैं और जल्द ही पूरी हो जाएंगी। हाल ही में, इन सेक्टर डिवाइडिंग सड़कों के साथ विभिन्न मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन की कुल 9.2 किलोमीटर से अधिक लंबाई में गाद निकालने के लिए एजेंसियों को काम भी आवंटित किया गया है। जीएमडीए के कार्यकारी अभियंता, विक्रम सिंह ने बताया कि ‘तीन और नई परियोजनाएं भी पाइपलाइन में शामिल हैं, जिनमें निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और काम आवंटित होने को है। इनमें 49/50, 51/52 और 52/57, 50/51 और 51/57 के सेक्टर डिवाइडिंग रोड पर कुल 6.4 किलोमीटर तक नालों की गाद निकालना शामिल है। इन हिस्सों पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।’
हाल ही में बिगड़ गयी थी शहर की हालत
पिछले दिनों थोड़ी सी बारिश हुई तो भी गुरुग्राम की हालत बिगड़ गई थी। अधिकारियों ने तो दावा किया कि पानी आया, भरा और निकल गया। फिर भी जलभराव बाद तक जारी है। कई जगह सीवर ओवरफ्लो है और उसका कोई हल नहीं हुआ। पोल खुल चुकी है कि अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच जो सांठगांठ चली आ रही थी फर्जी बिल पास करने की वह अभी भी जारी है। ऐसे में बार-बर मुख्यमंत्री के गुरुग्राम में आने के बावजूद जलभराव रहता है तो यह कई सवाल खड़े करेगा। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजपाल ने कहा कि सभी सतही नालों के नियमित रूप से रखरखाव और बरसाती पानी की निकासी के लिए मास्टर ड्रेन के साथ उनका कनेक्शन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।