असीम यादव/हप्र
नारनौल, 17 जुलाई
शहर के सबसे बड़े व विवादास्पद मैरिज पैलेस सीएल फार्म पर निर्माण के 8 साल बाद 5 मई को नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी द्वारा सील लगाई गई थी, जिसे जिला नगर आयुक्त ने 9 मई को खोलने के आदेश दिए थे। इन आदेशों पर अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए डीसीलिंग की कार्रवाई को अगली सुनवाई तक स्टे कर दिया है।
सीएल मैरिज पैलेस में नगर परिषद द्वारा सील लगाने का काम 5 मई को पूरा हुआ था और 10 मई को सील खुल भी गई। इसके लिए संचालकों को न तो कोई टैक्स भरना पडा, न ही नक्शा पास हुआ। संचालकों ने सिर्फ 3 लाख रुपये का एक बांड और 3 माह में नक्शा स्वीकृत करवाने की मोहलत मांगी, जिसके आधार पर सीलिंग हटाई गई। इस मामले में शिकायतकर्ता रमेश कुमार ने आरोप लगाए कि उसने 5 मई को अपनी ओर से डीएमसी कोर्ट में एप्लीकेशन दी थी कि सीएल फार्म की रिवीजन अपील की सुनवाई के दौरान उसे भी बतौर पक्षकार शामिल किया जाए। उसकी एप्लीकेशन स्वीकृत कर दी गई और इस अपील की सुनवाई की अगली तारीख 12 मई निर्धारित की थी। फिर दो दिन पहले ही बिना सुनवाई के सीलिंग हटाने पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट की शरण ली थी।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधीर मित्तल ने अपने निर्णय में कहा कि जब रिवीजन अपील ही वापस ले ली गई तो नगर आयुक्त को सीलिंग खोलने का आदेश देने का कोई अधिकार नहीं था। उन्होंने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाते हुए 9 मई को सील खोलने के आदेश जारी किए। मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी 2023 को रखी गई है। तब तक नगर आयुक्त द्वारा सील खोलने के आदेश पर की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर परिषद के कार्यकारी अभियंता अंकित वशिष्ठ ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मिल गई है, अभी इस पर जिला न्यायवादी से सलाह ली जाएगी, क्योंकि 9 मई के आदेश की पालना तो हो चुकी है ऐसे में क्या कार्रवाई बनती है।