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दो बेटियों की मां चेतना रुस्तगी ने पावर लिफ्टिंग में जीते 4 स्वर्ण पदक

वजन घटाने के लिए शुरू किया था जिम जाना, वहीं से मिली पावर लिफ्टिंग की प्रेरणा, अब मेहनत से पाया मुकाम
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रेवाड़ी, 28 फरवरी (हप्र)

बावल क्षेत्र के गांव नांगल शहबाजपुर की चेतना रुस्तगी ने 25 फरवरी को गुजरात के सूरत शहर में आयोजित ओपन एशिया पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में 4 स्वर्ण पदक जीते हैं। दो बेटियों की मां 40 वर्षीय चेतना ने ये पदक 75 किलोग्राम वर्ग में जीते हैं।

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ग्रामीण अंचल की चेतना ने अपनी स्नातक की पढ़ाई बावल के राजकीय महाविद्यालय से पूरी की। 2006 में चेतना का विवाह कोलकाता निवासी मानव रुस्तगी से होने से पहले उन्होंने कभी वेट लिफ्टिंग देखी भी नहीं थी। दो बेटियां होने के बाद उसका वजन बढ़ गया जिसे घटाने के लिए उसने जिम जाना शुरू किया। यहां जिम ट्रेनर अनंत चौधरी ने उसे पावर लिफ्टिंग में हाथ आजमाने की सलाह दी। ततपश्चात चेतना ने बंगलुरु निवासी मोहम्मद अजमत से ट्रेनिंग ली और कई प्रतियोगिता में भाग लिया। अपनी कड़ी मेहनत व लगन से चेतना ने एक साथ 4 स्वर्ण पदक हासिल किये। चेतना के अनुसार उनके पति मानव, ससुर स्व. अमर व सास रंजना रुस्तगी ने उसे बढ़ावा दिया। चेतना ने अपनी सफलता का श्रेय अपने ससुराल पक्ष के साथ-साथ अपनी माता कांता व भाई हितेष रूस्तगी को दिया है। उधर, चेतना की इस उपलब्धि पर बावल के विधायक डॉ. कृष्ण कुमार, पूर्व मंत्री डॉ. बनवारी लाल, गोल्डन लॉयनेस की प्रधान उषा रूस्तगी, वैश्य महासम्मेलन के जिलाध्यक्ष बृजलाल गोयल व सतीश पब्लिक स्कूल के चेयरमैन अनिल रस्तोगी सहित क्षेत्र के कई लोगों व खिलाडिय़ों ने बधाई दी हैं।

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