रेवाड़ी, 18 नवंबर (निस)
18 नवंबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान रेजांगला पोस्ट पर दुश्मनों से लोहा लेते हुए जिला रेवाड़ी के दो सगे भाई नायक सिंहराम व सिपाही कंवर सिंह यादव एक ही बंकर में शहीद हो गए थे। इस युद्ध में इस क्षेत्र के 13 कुमाऊं के 120 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। युद्ध के तीन माह बाद दोनों भाइयों सहित 96 शहीदों के शव मिले थे। चुशुल (लद्दाख) की हवाई पट्टी पर बने विशाल द्वार पर भी लिखा है, वीर अहीर रेजांगला की गाथा। रेवाड़ी में रेजांगला के वीरों की याद में स्मारक बनाया गया है। जिस पर इस युद्ध में शहादत देने वाले जवानों के नाम भी अंकित हैं। बृहस्पतिवार को रेजांगला शौर्य दिवस पर रेजांगला शौर्य समिति, रेजांगला ट्रस्ट व वार वीडोज एसोसिएशन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में नगर के दिल्ली रोड स्थित रेजांगला युद्ध स्मारक पर आयोजित समारोह में 77 वीर नारियों को सम्मानित किया गया।
अध्यक्षता कर्नल रणबीर सिंह यादव ने की। वार विडोज एसोसिएशन की अध्यक्षा दमयंती वी तांबे व उनकी टीम ने 60 वीर नारियों को एक बार दी जाने वाली 10-10 हजार रुपये की ग्रांट के चेक और उपहार भेंट किए गए। रेजांगला युद्ध के जीवंत रणबांकुरों हवलदार निहाल सिंह सेना मेडल, कप्तान रामचंद्र मोहनपुर व हवलदार भैयराम कारोली को सम्मानित किया गया।