रोहतक (हप्र) : अगस्त 1947 में बंटवारे के दौरान शहादत देने वाले लाखों हिंदू और सिख भाई बहनों की याद में मंगलवार को शहर में कैंडल मार्च निकाला गया। इसके बाद शहीद मदन लाल धींगड़ा सामुदायिक केंद्र ओल्ड आईटीआई के प्रांगण में उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में पहुंचे बुजुर्गों ने बंटवारे के दर्द की आपबीती घटनाओं का उल्लेख किया। इस मौके पर विभाजन विभीषिका स्मृति कमेटी के प्रदेश संयोजक और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मनीष कुमार ग्रोवर, सांसद अरविंद शर्मा, कमेटी के जिला संयोजक अशोक चौधरी, सह संयोजक राधेश्याम ढल और सह संयोजक अशोक गुलाटी, मेयर मनमोहन गोयल, जिला महामंत्री सतीश आहूजा, महामंत्री राजेश भालोट, मंडल अध्यक्ष अशोक सहगल, मंडल अध्यक्ष जय भगवान जांगड़ा, मंडल अध्यक्ष बिट्टू, मदन गोयल, सूरजमल किलोई, हिमांशु ग्रोवर, पवन आहूजा, सतीश चौधरी, राजकुमार सुनारिया, ओमप्रकाश बागड़ी, सुरेंद्र माडू, शेखर मिनोचा समेत अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।