भिवानी, 8 अगस्त (हप्र)
हरियाणा साहित्य अकादमी व सांस्कृतिक मंच की ओर से रविवार को सांस्कृतिक सदन में साहित्य और संस्कृति का संगम हुआ। मंच के अध्यक्ष रणविजय सिंह व संदीप मेहता ने बताया कि संयोजक नीता चावला, डाॅ. कल्पना व जयपाल शास्त्री की देखरेख में हुए कार्यक्रम में कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर निर्गुण काव्यधारा की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ राजेश चेतन, डाॅ. माया यादव, अशोक बुवानीवाला, डा. पुष्पा, पुष्पलता आर्य व डा. कल्पना ने दीप प्रज्जवलित करके व डा. जयपाल शास्त्री ने सरस्वती वंदना तथा अशोक बुवानीवाला ने श्रीफल तोड़कर किया। अशोक बुवानीवाला ने निर्गुण काव्य की प्रासंगिकता में संत दादूदयाल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। व्याख्यान की प्रमुख वक्ता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक की महर्षि वाल्मीकि पीठ की चेयरपर्सन डा. पुष्पा ने संत दादूदयाल, मलूकदास, गरीबदास, रैदास इत्यादि निर्गुण कवियों के काव्य की प्रमुख-प्रमुख पंक्तियों के उदाहरण देकर संत कबीर दास के काव्य पर प्रमुखता से प्रकाश डाला। इस अवसर पर जगतनारायण, बलदेव शर्मा, डा. बुद्धदेव आर्य, डा. दीक्षित, डा. पुष्पा, डा. मधुमालती शर्मा, पतराम शास्त्री, डा. रमाकांत दीक्षित, आत्मप्रकाश टुटेजा सहित शहर के गणमान्य व प्रबुद्धजन उपस्थित थे।