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‘सेहरा बांधकर डीसी दरबार पहुंचे वृद्ध के पास आया सीएम कार्यालय से फोन’

सुर्खियां बटोरने के लिये सतबीर ने रचा झूठा प्रपंच
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71 वर्षीय सत्यवीर सिंह का सेहरा बांधे हुए। -हप्र
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रेवाड़ी, 30 जून (हप्र)

हाल ही में सेहरा बांधकर परिवार पहचान पत्र बनवाने की मांग लेकर लघु सचिवालय पहुंचे नया गांव के सतबीर सिंह ने पीपीपी पोर्टल पर बिना आवेदन के आधारहीन बातों के साथ प्रशासन के समक्ष फैमिली आईडी बनवाने की मांग की थी। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने सतबीर सिंह की मांग अनुरूप जांच करवाई तो उसके द्वारा किये गए दावे तथ्यहीन मिले और पाया गया कि सुर्खियां बटोरने की मंशा से यह प्रपंच रचा गया था। मामले को लेकर डीसी इमरान रजा ने एडीसी स्वप्निल रविन्द्र पाटिल को जांच सौंपी गई।

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एडीसी पाटिल ने उक्त मामले की जांच अनुरूप बताया कि 29 जून 2023 को क्रीड टीम रेवाड़ी ने सतबीर सिंह उर्फ सतबीर शर्मा निवासी नया गांव डोहकी की सिंगल मेंबर वेरिफिकेशन के लिए गांव का दौरा किया और तथ्यपूर्ण ढंग से जांच की।

सस्ती लोकप्रियता का तरीका: एडीसी

एडीसी ने बताया कि जांच में सामने आया है कि सतबीर सिंह अपनी पेंशन या कोई अन्य लाभ सरकार से लेने के लिए जद्दोजहद नहीं कर रहे वह तो संभवत: सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। सतबीर सिंह रेवाड़ी विधानसभा व गांव में सरपंच का भी चुनाव लड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि उसके गांव से आज तक केवल 5 व्यक्तियों का एकल परिवार के लिए आवेदन आया था। जिसको पहले ही सत्यापित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सिंगल मेम्बर की परिवार पहचान पत्र में एंट्री निर्धारित नियमों अनुसार होती है। वह बुधवार को सिर पर सेहरा बांधकर सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय पहुंच गया और ज्ञापन सौंपकर मांग की कि यदि सरकार अकेले सदस्य पीपीपी नहीं बना सकती है तो उसकी शादी कराए। पीपीपी न बनने से उसे बुढ़ापा पेंशन व मकान मरम्मत की सहायता राशि से वंचित रहना पड़ रहा है।

अदालत जाएंगे सत्यवीर

सत्यवीर ने कहा कि शुक्रवार को सीएम कार्यालय से फोन आया है। अधिकारी ने कहा कि आपको परिवार पहचान पत्र, बीपीएल राशन कार्ड, मकान मरम्मत व शौचालय स्कीम का जल्द लाभ मिलेगा। लेकिन सत्यवीर ने कहा कि बुढ़ापा पेंशन बनवाने की उम्र 60 वर्ष है। सरकार ने उसकी पेंशन 11 सालों से नहीं बनाई। इसलिए उसे पिछले 11 सालों की पेंशन भी दी जाए। सत्यवीर ने कहा कि वह हक पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगा।

जांच में सामने आया सच

टीम ने जांच के दौरान तथ्य सामने लाये कि उक्त सतबीर सिंह ने आज तक परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए विभाग से कभी सम्पर्क ही नहीं किया। उन्होंने किसी सीएससी सेंटर से परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए कोई आवेदन किया। जिससे उसके आवेदन पर कार्रवाई नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि सतबीर के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा गुरदयाल सीआरपीएफ में नौकरी करता है और वर्तमान में हैदराबाद में रहता है। छोटा बेटा विनोद नजफगढ़ के झुरझुरी गांव में रहकर अपना पैतृक व्यवसाय (लकड़ी के फर्नीचर का काम ) चला रहा है। सतबीर के पड़ोसियों के अनुसार यह लगभग 1 महीने से ही बेटे के घर से अपने पैतृक गांव में आया है। जांच के दौरान बताया कि उक्त व्यक्ति पिछले 20 सालों से अपने छोटे बेटे के साथ नजफगढ़ में रह रहा था और 10-15 दिन के लिए गांव में आता है।

समाचार प्रकाशित होने के बाद हुई हरकत

सरकार द्वारा अकेले सदस्य का परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) नहीं बनाने के विरोध में दो दिन पूर्व सिर पर सेहरा बांधकर जिला सचिवालय पहुंचे रेवाड़ी के 71 वर्षीय वृद्ध का समाचार जब प्रकाशित हुआ तो सीएम कार्यालय भी हरकत में आ गया। वहां से उसके पास फोन आया और आश्वास्त किया कि उसका पहचान पत्र बनाने के साथ-साथ अन्य मिलने वाली सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। उक्त समाचार बृहस्पतिवार को दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित हुआ था। बता दें कि रेवाड़ी के निकटवर्ती नया गांव का 71 वर्षीय वृद्ध सत्यवीर सिंह का पीपीपी नहीं बनने के कारण उसे न तो बुढ़ापा पेंशन और न ही जर्जर मकान की मरम्मत के लिए सहायता राशि मिल पा रही थी। बार-बार चक्कर काटने पर सरकार व प्रशासन के अधिकारियों ने उसे दो टूक शब्दों में बताया कि अकेले व्यक्ति का पीपीई बनाने का कोई नियम नहीं है। जिसके विरोध का सत्यवीर ने अनोखा तरीका अपनाया।

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