करनाल, 25 मई (हप्र)
समय से पहले धान की रोपाई कर रहे किसानों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई के बाद तकरार शुरू हो गई है।
भारतीय किसान यूनियन (सर छोटूराम) ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने किसानों की फसल नष्ट करने का और कदम उठाया तो किसान सड़क पर आकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। जिले के गांव दरड़, रम्बा, चूरनी, संगोया, संगोई सहित कई गांवों में किसानों की समस्याओं को उठाते हुए भारतीय किसान यूनियन (सर छोटूराम) ने उप कृषि निदेशक से सरकार द्वारा निर्धारित समय से पहले धान की फसल उगाने की अनुमति मांगी है।
बुधवार को किसान डीडीए कार्यालय में अधिकारी से मिले। उन्हें ज्ञापन सौंप कर कहा कि उक्त गांवों में जलभराव की समस्या से बहुत भारी नुकसान होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए किसान मानसून से पहले अगेती धान लगा रहा है। प्रशासन किसानों पर धान की फसल नष्ट करने का दबाव बना रहा है। सरकार के आदेशानुसार 15 जून से पहले धान की खेती नहीं की जा सकती, मगर किसानों की पीड़ा को देखते हुए किसानों को 20-25 दिन पहले धान लगाने की अनमुति प्रदान की जाए। किसानों का कहना है कि वह एक ही बार धान की रोपाई करेंगे।
इस अवसर पर जगदीप ओलख, बहादुर मेहला बलड़ी, दिलबाग सिंह दरड़, डा. पलविंद्र दरड़, अमृत बुग्गा, हैप्पी ओलख, समय सिंह संधु व विशाल संधु मौजूद रहे।
5 गांवों में नष्ट कर दी थी फसल
सोमवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार की अगुवाई में डा. दिनेश शर्मा, उप मंडल कृषि अधिकारी, करनाल व डा. सुनील बजाड़, गुण नियंत्रण निरीक्षक, करनाल की मौजूदगी में गांव दरड़, संगोहा, माखुमाजरा, रम्बा और सलारपुरा में समय से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए धान की पनीरी व रोपाई किये गये खेतों को नष्ट कर दिया गया था।
11 किसानों को कृषि विभाग ने थमाये नोटिस
इन्द्री (निस) : कृषि विभाग द्वारा कानून का उल्लंघन करने वाले गांव और 11 किसानों को चिन्हित किया और उन्हें नोटिस भेजे गए। इन्द्री हलके के गांव कुंजपुरा के 2, नलवीपार के 2, गांव खिराजपुर के 5 किसानों को लगभग 15 एकड़ में धान की रोपाई करने पर नोटिस जारी किए गए हैं। इसी प्रकार अन्य एक गांव के दो किसानों पर भी कार्रवाई की गई है। कृषि विभाग ने फसल नष्ट करने एवं 4000 रुपये प्रति एकड़ जुर्माना करने की कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं।