भिवानी, 13 मार्च (हप्र)
भिवानी विद्वानों की भूमि है। यहां अनेक मंदिर हैं, इस स्थान पर आकर मुझे बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। ये विचार हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डा. चंद्र त्रिखा ने लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा विद्वानों के सम्मान के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं, जिस देश में विद्वानों का सम्मान होता है, वही देश उन्नति करता है। आज प्रदेश सरकार आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हिंदी, संस्कृत, उर्दू और पंजाबी भाषा के साहित्यकारों का सम्मान कर रही है। हरियाणा में पंडित माधव प्रसाद मिश्र, बालमुकुंद गुप्त जैसे उच्च कोटि के विद्वान पैदा हुए हैं, जिन्होंने हिंदी भाषा में अपना अमूल्य योगदान दिया है। सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. विनय मिश्र ने कहा कि प्रदेश सरकार इस समय प्रदेश में विभिन्न भाषाओं के विकास के लिए भरसक प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर मुरथल विश्वविद्यालय के कुलपति आर.के. अनायत, वैश्य महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य बुधदेव आर्य, प्रमुख साहित्यकार रमाकांत शर्मा, जन जागरण मंच के प्रधान मंडन मिश्र आदि को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विकास वशिष्ठ, मदन गुर्जर, सुशील शास्त्री, नत्थू सिंह तवर, लीला किशन आहूजा भी
उपस्थित रहे।