हिसार, 7 फरवरी (हप्र)
टीवी धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में बबीता का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री मुनमुन दत्ता सोमवार को थाना शहर हांसी में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर में जांच अधिकारी डीएसपी विनोद शंकर के सामने पेश हुई। करीब 4 घंटे की पूछताछ के बाद जांच अधिकारी ने उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया। मुनमुन दत्ता दो सुरक्षाकर्मियों व बाउंसरों के साथ डीएसपी कार्यालय पहुंचीं।
हांसी थाना पुलिस ने 13 मई को दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कल्सन की शिकायत पर मुनमुन दत्ता के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। यह मामला खारिज करवाने के लिए मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन याचिका को 22 सितंबर, 2021 को खारिज कर दिया गया था।
मुनमुन दत्ता की अग्रिम जमानत याचिका हिसार की एससी-एसटी एक्ट के तहत स्थापित विशेष अदालत ने 28 जनवरी को खारिज कर दी थी, जिसके बाद मुनमुन दत्ता ने अग्रिम जमानत के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज अवनीश झिंगन ने 4 फरवरी को मुनमुन दत्ता को हांसी में जांच अधिकारी के सामने पेश होकर जांच में शामिल होने को कहा था तथा जांच अधिकारी को आदेश दिए गए कि मुनमुन दत्ता को गिरफ्तार कर व पूछताछ करने के बाद अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया जाए। इसके अतिरिक्त जांच अधिकारी को निर्देश दिए गए थे कि वे 25 फरवरी को जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करें।
शहर हांसी थाना में दर्ज एफआईआर के अनुसार, मुनमुन दत्ता ने पिछले साल 9 जनवरी को यूट्यूब पर एक वीडियो जारी कर अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अभद्र व अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद रजत कलसन ने 13 मई 2021 को मुनमुन दत्ता के खिलाफ थाना शहर हांसी में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
शिकायतकर्ता रजत कलसन ने कहा कहा कि एससी एसटी एक्ट में अंतरिम जमानत का प्रावधान नहीं है तथा उन्होंने पहले ही हांसी पुलिस द्वारा पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को अंतरिम जमानत दिए जाने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर शीघ्र ही सुनवाई होने वाली है तथा मुनमुन दत्ता के मामले में भी वह हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत दिए जाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।