Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

हरियाणा में रोजाना औसतन 28 हादसे और 13 मौतें

सड़क सुरक्षा निधि : नहीं हो रहा फंड का इस्तेमाल
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 17 अक्तूबर

Advertisement

हरियाणा में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए सालाना बजट भी जारी होता है, लेकिन उसे पूरी तरह खर्च नहीं किया जा रहा। हरियाणा में 2022 में 10 हजार 429 सड़क दुर्घटनाएं हुई और इनमें 4 हजार 915 लोगों की जान गई। घायलों की संख्या 8519 थी। यानी रोजाना 28 सड़क हादसे हुए और रोजाना 13 लोगों की मौत हुई। पिछले 5 वर्षों के ही 100 करोड़ के करीब फंड पर परिवहन विभाग कुंडली मारकर बैठा है। 2018-19 से 2022-23 के 5 वर्षों में सरकार की ओर से सड़क सुरक्षा निधि के तहत परिवहन विभाग को 170 करोड़ रुपये के लगभग जारी किए गये। इसमें से महज 72 करोड़ ही विभाग खर्च कर पाया। 98 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं हुआ।

खुद राज्य सरकार ने यह स्वीकार किया है कि सड़क सुरक्षा निधि के तहत 5 वर्षों से जारी हो रहे पैसे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। दरअसल, स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने एक नया सिस्टम शुरू किया हुआ है। इसके तहत विधायक विधानसभा सत्र के बिना भी किसी भी विभाग से महीने में दो से तीन सवाल कर सकता है। इनका लिखित जवाब संबंधित विभाग के मंत्री की ओर से दिया जाता है।

मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर जानकारी मांगी थी। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने जवाब में बताया कि 2018-19 में प्रदेश को वित्त विभाग से सड़क सुरक्षा के लिए 40 करोड़ रुपए का फंड मिला। इसमें से 8 करोड़ 53 लाख रुपये खर्च किए गए। 2019-20 में कुल 31 करोड़ मिले और 13 करोड़ 65 लाख रुपये ही खर्च हो पाए। 2020-21 जरूरी 28 करोड़ में से विभाग ने 26 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च किए।

सरकार ने 2021-22 में सड़क सुरक्षा से जुड़े कार्यों के लिए विभाग को 34 करोड़ का फंड दिया। विभाग ने इसमें से महज 11 करोड़ 10 लाख रुपये ही खर्च किए। वहीं 2022-23 में मिले 37 करोड़ में से 12 करोड़ 58 लाख रुपये ही परिवहन विभाग ने खर्चे। यानी पांच वर्षों में 170 करोड़ रुपए का फंड तो मिला, लेकिन खर्चे गए केवल 72 करोड़ 17  लाख रुपये।

यह है देश की तस्वीर

2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) में कुल 4 लाख 12 हजार 432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 1 लाख 53 हजार 972 लोगों जान गई और 3 लाख 84 हजार 448 लोग घायल हुए। 2020 के मुकाबले साल 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 12.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

विभाग के पास फंड होते हुए भी सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कोई ऐसा ठोस प्लान तैयार नहीं किया, जिससे सड़क हादसों में कमी आ सके। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा कम होने की बजाय बढ़ रहा है। परिवहन विभाग के रोड सेफ्टी अभियान पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। करोड़ों का बजट भी था, लेकिन इसे खर्च तक नहीं किया गया। -वरुण चौधरी, मुलाना विधायक

Advertisement
×