अम्बाला शहर, 10 अगस्त (हप्र)
कलाकार देश प्रदेश की सांस्कृतिक धरोधर का असली पहरेदार है। फिर भी सरकार की अनदेखी का शिकार रहता है। कोरोना काल में पिछले डेढ़ वर्षों से सरकार ने कलाकारों की सुध तक नहीं ली। आज वह भुखमरी के कगार पर हैं।
यह कहना है कलाकार कल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष अर्जुन वशिष्ठ का। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में तो काम करने वाले श्रमिकों के लिए योजना बनाकर लागू कर दी गईं परन्तु कलाकार के लिए कोई राहत भत्ता तक नहीं दिया गया। साथ लगते राज्यों उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने कलाकारों को इस कोरोना काल में सहायता भत्ता दिया। लेकिन हरियाणा का कलाकार दिहाड़ी, मजदूरी, फल-सब्जी की रेहड़ी लगाने को मजबूर है। उन्होंने बताया कि आज आयोजित बैठक में ऐसे हालातों में जरूरतमंद कलाकारों की सहायता के लिए कुछ साधन सम्पन्न कलाप्रेमियों और कारपोरेट जगत से फंड एकत्रित करके जरूरतमंद कलाकारों की सहायता व उनका दुर्घटना बीमा करवाने पर विचार-विमर्श हुआ। अगर यह सब कुछ सम्बन्धित विभाग परिषद् व अकाडमी जरूरतमंद कलाकारों के लिए संजीवनी का काम कर सकती थी। बैठक में प्रदेश प्रवक्ता दीपक त्रिखा, ज्ञान चौरसिया, नरेश शर्मा, जगदीश शर्मा, सुशील शर्मा, दिनेश लाहोरिया, ऋषि भूषण बग्गन इत्यादि ने भी अपने विचार और सुझाव सांझा किए।