अम्बाला शहर, 29 जून (हप्र)
जिला रजिस्ट्रार ने सेक्टर-10 के माता वैष्णो देवी मंदिर में प्रबंधक समिति के स्थान पर प्रशासक की नियुक्ति कर दी है।
प्रशासक ही उनके द्वारा दिए गए सभी आदेशों को लागू करवाने, एडहॉक कमेटी की जगह मंदिर की दिन-प्रतिदिन की कार्रवाई, दान के पैसों का हिसाब-किताब तथा अन्य व्यवस्थाएं देखेगा।
प्रबंधक कमेटी के संस्थापक सदस्य नीरु वढेरा व देशबंधु ने बताया कि प्रदेश रजिस्ट्रार द्वारा प्रबंधक समिति के विवाद की सुनवाई के लिए जिला रजिस्ट्रार को कहा था। अब उन्होंने कई आदेश देकर 28 जून को अपना फैसला लिख दिया है।
उनके अनुसार फैसले के प्रमुख बिंदुओं में कहा गया कि जिन सदस्यों का कोई भी बकाया है, वे 7 दिन के अंदर उसे जमा करवाएंगे तथा उनका वोट देने का अधिकार सुरक्षित रहेगा। संस्था के पंजीकरण के समय जो भी संस्थापक सदस्य थे वही आगे भी रहेंगे लेकिन इनकी संख्या 15 से अधिक नहीं होगी।
दोनों मेंबरों के अनुसार अब केवल 7 या 8 फाउंडर सदस्य ही बाकी होंगे क्योंकि कुछ सेक्टर छोड़कर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रार के फैसले में कहा गया कि संस्था के नियमानुसार केवल प्रथम 100 सदस्य ही आर्डिनरी सदस्य माने जाएंगे।
इससे स्पष्ट हो गया कि एडहॉक प्रधान द्वारा बनाए गए अतिरिक्त सदस्य मान्य नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रार ने एक्ट का हवाला देकर कहा है कि केवल अर्बन एस्टेट सेक्टर-10 अम्बाला शहर में रहने वाला प्लाट धारक ही संस्था का सदस्य हो सकता है, अन्य कोई और नहीं। इसलिए हाउसिंग बोर्ड सेक्टर-10 से बनाए गए सभी सदस्य निष्कासित होंगे। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार द्वारा दिये गए फैसले से भविष्य में कोई भी प्रधान या प्रबंधक समिति अपनी मर्जी से नियमों को ताक पर रखकर फैसला नहीं ले पाएंगे।
अब आदेशों के बाद प्रशासक एडहॉक कमेटी के प्रधान से सभी चार्ज वापस लेते हुए सोसायटी एक्ट 2012 के अनुसार ही अगली सभी कार्रवाई करेंगे। मालूम हो कि प्रबंधक समिति के निर्णयों को लेकर विवाद काफी समय से चला आ रहा था और मामला स्टेट रजिस्ट्रार के पास पहुंच गया था।