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ग्रामीण विकास सशक्तीकरण की दिशा में एक और मनोहर कदम

लिंक रोड मरम्मत की जिम्मेदारी अब होगी जिला परिषदों के पास
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चंडीगढ़ में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल जिला परिषद अध्यक्षों, अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए।
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चंडीगढ़, 24 सितंबर (ट्रिन्यू)

हरियाणा में जिला परिषदों की क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक अन्य महत्वपूर्ण एवं सक्रिय कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 6 और जिलों - सोनीपत, कैथल, महेंद्रगढ़, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी - में लिंक सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी इस साल के अाखिर तक जिला परिषदों को हस्तांतरित करने की घोषणा की है। अभी यह कार्य हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किया जा रहा था। मुख्यमंत्री ने रविवार को यहां विभिन्न विकासात्मक पहलों की समीक्षा के लिए जिला परिषदों के अध्यक्षों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली भी  मौजूद रहे।

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इससे पहले हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किए जा रहे लिंक रोड मरम्मत कार्य की जिम्मेदारी यमुनानगर, करनाल, पलवल, भिवानी और फतेहाबाद सहित पांच जिलों में जिला परिषदों को हस्तांतरित की जा चुकी है और मरम्मत कार्य की प्रक्रिया पहले से जारी है। इन छः जिलों के जुड़ने से जिला परिषदों के पास अब प्रदेश में 11 जिलों में ग्रामीण क्षेत्र के सड़क मरम्मत का कार्य होगा।

विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को 30 सितंबर, 2023 तक 5,000 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों में गांव की फिरनियों को पक्का करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में जन प्रतिनिधियों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जिला परिषदों के अध्यक्षों के सम्मान के महत्व पर बल देते हुए सभी सीईओ को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि वे अपने कार्यालयों को जिला सचिवालयों से जिला परिषद कार्यालय में स्थानांतरित करें। जिन जिलों में जिला परिषद कार्यालय भवन बन चुके हैं, वहां इस निर्देश को शीघ्रता से लागू किया जाए। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां ऐसा बुनियादी ढांचा अभी तक स्थापित नहीं किया गया है, सीईओ को उपयुक्त भूमि की पहचान करने और इस संबंध मंे मुख्यालय को प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने जिला परिषदों के सीईओ से चालू वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमान भी मांगा।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह जिला परिषदों के अध्यक्ष के दायरे में आता है कि वे अपना-अपना बजट तैयार करें और बाद में जिला परिषद सदन के भीतर अनुमोदन के पश्चात उसे सरकार को भेजें। इससे सुनिश्चित हो सकेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक पहलों को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध होगी।

चौपालाें के निर्माण के लिए सर्वेक्षण करायें

चौपालों के निर्माण की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने सीईओ को अपने-अपने क्षेत्रों में आवश्यकता आधारित सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला परिषदों के माध्यम से गांव के तालाबों के सौंदर्यीकरण या डिमांड आधार पर दीवार निर्माण व घाट आदि की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिए। सीएम ने कहा, जिला परिषदों के अध्यक्ष और सीईओ ग्रामीण क्षेत्रों में विकास गतिविधियों की योजना बनाने में मिलकर कार्य करें।

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